तोप, मिसाइल, लाशें और धमाके, तबाही के इस मंजर के बीच अंडरग्राउंड शेल्टर में जन्मी मासूम ‘मिया’, यूक्रेन के लिए बनी उम्मीद
युद्ध के दौरान किसी शहर का कैसा मंजर हो सकता है। चारों तरफ खून से सनी लाशें, ताश के पत्तों की तरह बिखरती इमारतें, चीख-पुकार, बम, तोप और बेलेस्टिक मिसाइलों की आवाजें। सायरन का शोर।
जहां जीवन खत्म हो रहा हो। जहां चारों तरफ मौत का मातम छाया हुआ हो, ऐसे मंजर में कोई मासूम बच्ची जन्म ले तो उसे क्या कहेंगे।
जी, हां यूक्रेन में रूसी हमलों के खौफनाक मंजर के बीच एक महिला ने एक मासूम बच्ची को जन्म दिया है। इस बच्ची का नाम मिया रखा गया है।
जहां चारों तरफ लोग मर रहे हैं, ऐसे में एक बच्ची ने यूक्रेन में जन्म लेना शायद युद्ध के इतिहास में एक उम्मीद की घटना है। रूस के हमले में लगातार तबाह होते जा रहे यूक्रेन के लोग इस बच्ची के जन्म को अपने लिए उम्मीद ही मान रहे हैं।
यानी मौतों के बीच मिया का जन्म, युद्ध के इतिहास में भविष्य की उम्मीद
बता दें कि यूक्रेन पर रूस के हमले का आज तीसरा दिन है। लोग अब किसी भी अनहोनी से बचने के लिए हर वो संभव कोशिश कर रहे हैं, जो उनके वश में है।
हजारों लोग शहर छोड़कर दूसरे देशों में पलायन करते देखे जा सकते हैं। कार, बस, ट्रेनें और पैदल ही पोलैंड-हंगरी की तरफ निकल रहे हैं। कुछ लोग शेल्टर, अंडरग्राउंड सब-वे में रह रहे हैं। उम्मीद यही है कि जल्द सबकुछ सामान्य हो जाएगा।
रूस ने शनिवार सुबह कीव के कई इलाकों में मिसाइल हमले किए। एक धमाका इस फोटो में देखा जा सकता है। यहां यूक्रेन और रूसी सेना के बीच आमने-सामने की लड़ाई जारी है।
यूक्रेन में उम्मीद का जन्म
कीव में 23 साल की महिला ने मेट्रो स्टेशन में बने शेल्टर में एक बच्ची को जन्म दिया। इसका नाम 'मिया' रखा गया है।
महिला और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं। बमबारी के बीच लोग इसे उम्मीद की किरण बता रहे हैं। कुछ कहना है कि यह चमत्कार है कि कम सुविधाओं में भी इस बच्ची ने जन्म लिया। मां ने कहा- मेरे लिए वह बेहद मुश्किल समय था। मैं बहुत तनाव में थी।