समर्पण करेंगे, देश छोड़ भाग जाएंगे या हो जाएंगे गिरफ्तार, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के पास अब क्या रास्ता है?
आज यूक्रेन पर रूस के हमले का दूसरा दिन है। रूस लगभग यूक्रेन की राजधानी कीव तक घुस गया है। यूक्रेन अंडरप्ले मोड में है। दुनिया से लगातार दो दिनों तक मदद मांगने के बाद भी यूक्रेन को कहीं से कोई मदद नहीं मिली।
अब ऐसे में यूक्रेन पर रूस का कब्जा लगभग तय माना जा रहा है। ऐसे में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के पास अब क्या विकल्प होंगे, वे किस रास्ते को अपनाएंगे, इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
वे समर्पण करेंगे, या देश से भागने का विकल्प चुनेंगे या रूसी सेना के हाथों सेल्फ अरेस्ट कराएंगे खुद को। अभी इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन उनके पास यही रास्त बचे हैं।
यूक्रेन के गृह मंत्री एंटोन गेराशचेंको ने एक बयान में बताया कि शुक्रवार, 25 फरवरी को रूस की योजना यूक्रेन की राजधानी कीव को घेरने की है। यहां सुबह से ही धमाके सुनाई दे रहे हैं। ये धमाके क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों से किए गए हैं। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि कुछ रूसी सैनिक राजधानी कीव तक पहुंच चुके हैं। ये साफ इशारा है कि अगले कुछ घंटों में रूसी सेना के कमांडो दस्ते प्रेसिडेंट ऑफिस पर कब्जा करके राष्ट्रपति जेलेंस्की को पकड़ सकते हैं।
बता दें कि यूक्रेन की राजधानी कीव में प्रेसिडेंट का ऑफिस है। जहां रूसी सेना के लगभग पहुंचने ही वाली है। यूएस इंटेलिजेंस के मुताबिक कीव में रूसी सेना के 10 हजार पैराट्रूपर्स उतर सकते हैं।
कब्जा या सत्ता परिवर्तन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मिलिट्री ऑपरेशन का आदेश देते हुए कहा था कि हम अपने पड़ोसी यूक्रेन पर कब्जा नहीं करना चाहते। लोगों की रक्षा के लिए हमारा उद्देश्य यूक्रेन से सैन्य तैनाती खत्म करना और उसका विनाजीकरण करना है। पुतिन यूक्रेन की मौजूदा सरकार को नाजियों की कठपुतली बताते हैं। पुतिन का यह बयान साफ इशारा है कि यूक्रेन पर रूस पूरी तरह कब्जा नहीं करेगा, बल्कि यूक्रेनी सेना को खत्म करके सत्ता परिवर्तन करेगा। यानी यूक्रेन पर रूस की सेना रहेगी और सत्ता उनके इशारे पर चलेगी।
क्या करेंगे राष्ट्रपति जेलेंस्की?
लगातार रूस की मार झेल रहा यूक्रेन अब अकेला हो गया है। यूक्रेन अब ज्यादा देर रूस का मुकाबला नहीं कर सकता है। जेलेंस्की ने कहा है कि हम 96 घंटे से ज्यादा रूस को नहीं रोक पाएंगे। किसी भी वक्त रूस की मिलिट्री राष्ट्रपति भवन में दाखिल हो सकती है। ऐसे में राष्ट्रपति जेलेंस्की के पास तीन रास्ते हैं। वो हार मानकर समर्पण कर दें, देश छोड़कर भाग जाएं या रूसी सेना के हाथों गिरफ्तार हो जाएं।
हाल ही में जेलेंस्की ने एक भावुक संदेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा, 'मैं और मेरा परिवार यूक्रेन नहीं छोड़ेंगे। मैंने कीव में रहने की कसम खाई है, क्योंकि मेरे सैनिक रूसी सेना से लड़ाई लड़ रहे हैं। रूस के खिलाफ लड़ाई में सभी देशों ने अब हमें अकेले छोड़ दिया है, लेकिन हम हार नहीं मान रहे हैं।
क्या अब जंग होगी खत्म?
यूक्रेन के पास अब लडने की क्षमता नहीं बची है। नाटो पर भरोसा किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। NATO ने सैन्य कार्रवाई से इनकार भी किया है, वहीं आधी-अधूरी आर्थिक पाबंदी और यूक्रेन की कमजोर मिलिट्री अब थक रही है।