इसके अलावा छोटे परिवार भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। अधिकांश दंपति सोचते हैं कि अगर एक ही बच्चे को जन्म देना है तो क्यों न बेटे को ही जन्म दिया जाए। आखिर बेटा उनके बुढ़ापे की लाठी बनेगा। यह बात दीगर है कि आज के बेटों के लिए ब़ूढे माता-पिता को अपनी पत्नी के हाथों जलील कराने एवं वृद्धाश्रम भेजने में शर्म महसूस नहीं होती।
और भी पढ़ें : |