शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. धार्मिक स्थल
  4. Sarvashail Shakti Peeth Kotileshwar Rajamundari AP

51 Shaktipeeth : सर्वशैल कोटिलिंगेश्वर मंदिर आंध्रप्रदेश शक्तिपीठ-43

51 Shaktipeeth : सर्वशैल कोटिलिंगेश्वर मंदिर आंध्रप्रदेश शक्तिपीठ-43 - Sarvashail Shakti Peeth Kotileshwar Rajamundari AP
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52 शक्ति पीठों के बारे में बताया गया है। प्रस्तुत है माता सती के शक्तिपीठों में इस बार महाराष्ट्र शक्तिपीठ के बारे में जानकारी।

 
कैसे बने ये शक्तिपीठ : जब महादेव शिवजी की पत्नी सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति का अपमान सहन नहीं कर पाई तो उसी यज्ञ में कूदकर भस्म हो गई। शिवजी जो जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया। बाद में शिवजी अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे। जहां-जहां माता के अंग और आभूषण गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ निर्मित हो गए। हालांकि पौराणिक आख्यायिका के अनुसार देवी देह के अंगों से इनकी उत्पत्ति हुई, जो भगवान विष्णु के चक्र से विच्छिन्न होकर 108 स्थलों पर गिरे थे, जिनमें में 51 का खास महत्व है।
 
सर्वशैल स्थान : आंध्रप्रदेश के राजामुंद्री क्षेत्र स्थित गोदावरी नदी के तट पर कोटिलिंगेश्वर मंदिर के पास सर्वशैल स्थान पर माता के वाम गंड (गाल) गिरे थे। इसकी शक्ति है विश्वेश्वरी और रा‍किनी और शिव या भैरव को वत्सनाभम कहते हैं। भैरव को वत्सनाभ और दण्डपाणि के रूप में पूजा जाता है।
 
गोदावरी तीर शक्ति पीठ एक प्राचीन मंदिरों में से एक है तथा मंदिर बहुत विशाल तथा मंदिर की वास्तुकल शानदार व अदभुत है। यह मंदिर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है जो भारत में गंगा के बाद दूसरी सबसे लंबी नदी है। हर बारह साल में 'पुष्करम मेला' गोदावरी नदी के तट पर आयोजित किया जाता है।
 
ये भी पढ़ें
Cirkus: राजकुमार राव और अपारशक्‍त‍ि खुराना ने Ranveer Singh संग काम करने से किया इनकार, जानिए वजह