आषाढ़ व्रत पूर्णिमा का क्या है महत्व, इन 5 उपायों से दूर होगी धन की समस्या
गुरु पूर्णिमा के दिन अपनाएं ये सरल उपाय, जीवन में आएगी तरक्की
What to do on Guru Purnima: साल 2025 में आषाढ़ पूर्णिमा 10 जुलाई, गुरुवार को मनाई जाएगी। धार्मिक ग्रथों के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण तिथि है। इसे गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन महर्षि वेदव्यास के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने वेदों का संपादन किया और हिंदू धर्म को एक नई दिशा दी। गुरु पूर्णिमा गुरु-शिष्य परंपरा का प्रतीक है, जहां शिष्य अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनसे ज्ञान व आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
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आषाढ़ पूर्णिमा का महत्व: पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। आषाढ़ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। चूंकि यह गुरुवार को पड़ रही है, जो कि भगवान विष्णु का ही दिन है तो इसका महत्व और बढ़ जाता है। यह दिन गुरुओं को समर्पित है, जो हमें जीवन के हर मोड़ पर सही मार्ग दिखाते हैं और अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं।
महर्षि वेदव्यास को आदिगुरु माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन गुरुओं की पूजा और सेवा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। यह दिन ध्यान-साधना और आत्म-चिंतन के लिए बहुत शुभ माना जाता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति होती है। आषाढ़ पूर्णिमा का दिन धन संबंधी समस्याओं को दूर करने और आर्थिक समृद्धि प्राप्त करने के लिए भी विशेष फलदायी माना जाता है। यहां कुछ अचूक उपाय दिए जा रहे हैं...:
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धन की समस्या दूर करने के 5 अचूक उपाय:
1. मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की संयुक्त पूजा: आषाढ़ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु अर्थात् खासकर सत्यनारायण भगवान और देवी लक्ष्मी की साथ में पूजा करें। उन्हें इत्र और सुगंधित अगरबत्ती अर्पित करें। पूजा में 11 कमलगट्टे लेकर लाल कपड़े में बांधकर देवी लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें और शहद व खीर का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे लक्ष्मी-नारायण की कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
2. श्री यंत्र की पूजा और कौड़ी का उपाय: सुबह स्नान करने के बाद, श्री यंत्र को लाल कपड़े में स्थापित करें और उसकी विधिवत पूजा करें। इसके साथ ही, 11 पीली कौड़ियों पर हल्दी लगाकर उन्हें मां लक्ष्मी को चढ़ा दें। पूजा के बाद इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दें। माना जाता है कि यह उपाय धन के आगमन को बढ़ाता है और दरिद्रता दूर करता है।
4. पीपल के पेड़ पर दीपक और दान: आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। पीपल के पेड़ में देवी-देवताओं और पितरों का वास माना जाता है, जिससे उनकी कृपा प्राप्त होती है और धन संबंधी बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही, इस दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें। दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
5. लक्ष्मी स्तोत्र और श्री सूक्त का पाठ: घर में धन का वास बनाए रखने के लिए आषाढ़ पूर्णिमा की शाम को श्री लक्ष्मी स्तोत्र या श्री सूक्त का पाठ करें। आप चाहें तो इस दिन घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों और फूलों का तोरण भी लगा सकते हैं, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा और लक्ष्मी के वास को आकर्षित करता है।
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