ganesh ji ki murti kaisi honi chahiye: गणेश चतुर्थी का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है, और इस पर्व की सबसे खास रस्म है भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि मूर्ति खरीदते समय कुछ विशेष नियमों और बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है? यह लेख आपको सही मूर्ति चुनने और खरीदने के लिए मार्गदर्शन देगा ताकि आप पूरे विधि-विधान से गणपति बप्पा का स्वागत कर सकें।
मूर्ति का आकार और सामग्री
शास्त्रों के अनुसार, गणेश जी की मूर्ति का आकार बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए। घर पर स्थापना के लिए छोटी मूर्ति लेनी चाहिए। इससे मूर्ति की स्थापना और विसर्जन में आसानी होती है। सबसे महत्वपूर्ण बात, मूर्ति इको-फ्रेंडली होनी चाहिए। आजकल मिट्टी या पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) की मूर्तियों का चलन है। पीओपी की मूर्तियाँ पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं क्योंकि वे पानी में जल्दी घुलती नहीं हैं और जल प्रदूषण का कारण बनती हैं। इसलिए, यह सुझाव दिया जाता है कि आप मिट्टी से बनी मूर्ति का ही चयन करें।
सूंड की सही दिशा
गणेश जी की सूंड की दिशा का भी विशेष महत्व होता है। आमतौर पर दो तरह की मूर्तियाँ उपलब्ध होती हैं:
• दाईं ओर सूंड: ऐसी मूर्तियों को सिद्धि विनायक कहते हैं। इन्हें स्थापित करने के लिए सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है और पूजा-पाठ में कोई गलती नहीं होनी चाहिए। इसलिए, इन्हें सामान्य गृहस्थ जीवन में रखने की सलाह नहीं दी जाती है।
• बाईं ओर सूंड: बाईं ओर सूंड वाली मूर्तियों को वाममुखी गणपति कहते हैं। ये शुभ और कल्याणकारी माने जाते हैं और इनकी पूजा करना आसान होता है। ये भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं और घर में सुख-समृद्धि लाते हैं। इसलिए, घर के लिए बाईं ओर सूंड वाली मूर्ति खरीदना ज्यादा शुभ माना जाता है।
गणेश जी की मुद्रा, वाहन और प्रसाद
मूर्ति खरीदते समय गणेश जी की मुद्रा पर भी ध्यान दें। बैठे हुए गणेश जी की मूर्ति स्थिरता और शांति का प्रतीक मानी जाती है, जबकि खड़ी मुद्रा वाली मूर्ति ऊर्जा और क्रियाशीलता को दर्शाती है। इसलिए, घर के लिए बैठी हुई मुद्रा वाली मूर्ति को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके अलावा, मूर्ति में भगवान का वाहन मूषक और उनके प्रिय प्रसाद मोदक अवश्य होने चाहिए। मूषक के बिना गणेश जी की प्रतिमा अधूरी मानी जाती है।
मूर्ति खरीदने का सही समय
गणेश चतुर्थी के लिए मूर्ति खरीदने का सबसे अच्छा समय गणेश चतुर्थी के दिन या शुभ मुहूर्त में ही खरीदना सही माना जाता है। साथ ही घर में मूर्ति की स्थापना भी मुहूर्त के अनुसार ही करना चाहिए।
इन नियमों का पालन करके आप न केवल एक सुंदर और सही मूर्ति खरीद सकते हैं, बल्कि आप अपने घर में भगवान गणेश का स्वागत भी पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त:
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