भविष्यवाणी: अब होने वाली है स्वर्ण युग की शुरुआत, जानिए श्रीकृष्ण ने माता गंगा से क्या कहा...
धरती के युग का मान लाखों नहीं हजारों वर्षों का है। जो लाखों वर्षों का बताया गया है वह बृहस्पति के चक्र के मान के अनुसार है। महाभारत ग्रंथ के अनुसार चार हजार वर्ष का एक सतयुग होता है। चार सौ वर्षों की संध्या होती है और इतने ही वर्षों का एक संध्यांश भी होता है। संध्या और संध्यांशों सहित अन्य तीन युगों में यह संख्या क्रमश: एक एक चौथाई घटती जाती है। इस प्रकार बारह हजार वर्षों का एक चतुर्युग होता है। यानी चारों युग 12 हजार वर्षों के होते हैं। इस मान से कलयुग समाप्त हो चुका है और अब हम कलयुग और सतयुग के संधिकाल में हैं। इसके बाद पूर्ण रूप से सतयुग की शुरुआत होगी।
ब्रह्मवैवर्त पुराण में श्रीकृष्ण मां गंगा को बताते हैं कि कलियुग में एक स्वर्ण युग होगा जिसकी शुरुआत कलियुग के 5,000 वर्ष बाद होगी और यह सुनहरा युग अगले 10,000 वर्ष तक चलेगा। यह भविष्यवाणी भारत के संदर्भ में नहीं, बल्कि संपूर्ण धरती के संदर्भ में है। कलियुग के 5,000 वर्ष बीत चुके हैं और अब सभी ओर राजनीतिक शुद्धता और तकनीकी का युग शुरू हो चुका है। हर देश में क्रांति और आंदोलन हो रहे हैं। अब झूठ और फरेब ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा।
ईसा मसीह के 3114 वर्ष पूर्व कलियुग की शुरुआत हुई थी। आज इसके 5139 वर्ष बीत चुके हैं। 139 वर्ष पहले ही विश्व में औद्योगिक क्रांति के परिणाम निकलने शुरू हुए थे। निश्चित ही पिछले सौ-दो सौ वर्षों से संपूर्ण दुनिया में परिवर्तन का युग चल रहा है। मानव आज अंतरिक्ष में रहने लगा है और भविष्य में वह किसी अन्य ग्रह पर रहने भी लगेगा। वर्तमान में संधिकाल चल रहा है इसमें भयानक विध्वंस के बाद शांति की स्थापना होगी और सभी धर्म के मार्ग पर चलने लगेंगे।