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Written By WD Feature Desk

रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के नियम और सावधानियां

Raksha Bandhan rules
How to celebrate Raksha Bandhan: रक्षा बंधन का पावन पर्व भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस त्योहार को सही विधि-विधान और पवित्रता के साथ मनाना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां राखी बांधने के कुछ खास नियम और सावधानियां दी गई हैं, जिनका पालन करना शुभ होता है।ALSO READ: 2025 में रक्षाबंधन पर नहीं होगा भद्रा का साया, पंचक भी नहीं बनेंगे बाधक, वर्षों बाद बना है ऐसा शुभ संयोग, जानिए राखी बांधने के श्रेष्ठ मुहूर्त
 
रक्षा बंधन के नियम (क्या करें): 
 
1. पवित्रता का ध्यान रखें: राखी बांधने से पहले भाई और बहन दोनों को स्नान करके स्वच्छ और नए वस्त्र पहनना चाहिए। जिस जगह पर राखी बांधी जाए, उस जगह को भी साफ कर लें।
 
2. पूजा की थाली तैयार करें: एक थाली में रोली, अक्षत (साबुत चावल), दीपक, राखी, मिठाई और कुछ पैसे रखें। दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
 
3. शुभ दिशा: भाई को राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए, और बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है।
 
4. मस्तक ढकना: राखी बांधते समय भाई और बहन दोनों का सिर किसी रुमाल या कपड़े से ढका होना चाहिए। यह सम्मान और पवित्रता का प्रतीक है।
 
5. तिलक लगाएं: राखी बांधने से पहले बहन अपने भाई के माथे पर रोली और अक्षत का तिलक लगाए। अक्षत हमेशा साबुत होने चाहिए, टूटे हुए नहीं।
 
6. राखी बांधें: बहन भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधे। यह हाथ कर्म और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। राखी बांधते समय आप इस मंत्र का जाप कर सकती हैं: 'येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।'
 
7. मुंह मीठा कराएं और आशीर्वाद लें: राखी बांधने के बाद बहन अपने भाई को मिठाई खिलाए। इसके बाद, भाई अपनी बहन को उपहार, वस्त्र या धन भेंट करे और सदा उसकी रक्षा का वचन दे। बहन भी भाई को आशीर्वाद दे।
 
राखी बांधते समय की सावधानियां (क्या न करें).
 
1. भद्रा काल से बचें: ज्योतिष के अनुसार, भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इस साल भद्रा काल 9 अगस्त की सुबह 1:52 बजे तक ही है, इसलिए आप पूरे दिन निश्चिंत होकर राखी बांध सकती हैं।ALSO READ: रक्षा बंधन पर राखी बांधने का मंत्र और ऐतिहासिक महत्व
 
2. अशुभ राखी का प्रयोग न करें: ऐसी राखी न बांधें जिस पर कोई अशुभ चिह्न हो या जो टूटी-फूटी हो। काले रंग की राखी को भी शुभ नहीं माना जाता है। प्लास्टिक की बजाय सूत या रेशम के धागे की राखी का उपयोग करना बेहतर होता है।
 
3. खाली हाथ में राखी न बंधवाएं: जब बहन राखी बांधे तो भाई को अपने दाहिने हाथ में मुट्ठी बंद करके कुछ पैसे या अक्षत जरूर रखना चाहिए।
 
4. दक्षिण दिशा में मुख न करें: भाई को दक्षिण दिशा की ओर मुख करके नहीं बैठना चाहिए, क्योंकि यह अशुभ दिशा मानी जाती है।
 
5. उतरने के बाद राखी को फेंकें नहीं: जब भाई की कलाई से राखी उतरे तो उसे फेंकने के बजाय किसी नदी में प्रवाहित कर दें या किसी पवित्र पेड़ के नीचे रख दें।
 
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