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Last Updated : शनिवार, 7 जनवरी 2023 (09:08 IST)

जोशीमठ में कुदरत का कहर… शहर में दरार... धंस रही जमीन, टूट रहे घर, 600 परिवारों को तत्काल निकालने का आदेश

जोशीमठ में कुदरत का कहर… शहर में दरार... धंस रही जमीन, टूट रहे घर, 600 परिवारों को तत्काल निकालने का आदेश - Uttarakhand CM Dhami orders evacuation of 600 families in Joshimath following subsidence
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ शहर के दरार और जोखिम भरे घरों में रह रहे करीब 600 परिवारों को शुक्रवार को तत्काल वहां से निकालने का आदेश दिया। शहर के कई घरों में दरारें आ गई हैं और वहां जमीन धंस रही है। उत्‍तराखंड सरकार ने जोशीमठ के भूमि धसान प्रभावित 600 परिवारों को किराया देने का फैसला लिया है। 4000 रुपए प्रतिमाह का मानदेय 6 माह तक प्रभावित परिवारों को मिलेगा।
 
धामी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों के साथ जोशीमठ की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के बाद यहां प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि लोगों की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। अधिकारियों को जोशीमठ के जोखिम वाले घरों में रहने वाले लगभग 600 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि  हम जोशीमठ की स्थिति से निपटने के लिए छोटी और लंबी अवधि की योजनाओं पर भी काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शनिवार को जोशीमठ जाएंगे, जहां वह प्रभावित लोगों से मिलेंगे और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
 
धामी ने कहा कि गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत कुमार सिन्हा विशेषज्ञों की एक टीम के साथ स्थिति पर लगातार नजर रखने के लिए वहां मौजूद हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में लोगों का पुनर्वास तेजी से किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपचार की सुविधा वहां उपलब्ध होनी चाहिए और बीमार लोगों को एयरलिफ्ट करने की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
 
धामी ने कहा कि एक तत्काल कार्य योजना के साथ-साथ एक दीर्घकालिक कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए और दोनों पर सही दिशा में काम शुरू किया जाना चाहिए।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ को सेक्टर और जोन में बांटकर उसके अनुसार कार्रवाई की जाए। शहर में आपदा नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएं। 
 
उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों के स्थायी पुनर्वास के लिए पीपलकोटी, गौचर और अन्य स्थानों पर वैकल्पिक जगहों की पहचान की जानी चाहिए। जिलाधिकारी को लोगों के संपर्क में रहना चाहिए और संभावित खतरे वाले क्षेत्रों की भी पहचान करनी चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना जरूरी है। इसमें सैटेलाइट इमेज भी काम आ सकती है। इस अभियान में सफलता हासिल करने के लिए सभी विभाग टीम भावना से कार्य करें। ’’
 
उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य आपदा मोचन बल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवानों की पर्याप्त तैनाती की जानी चाहिए। जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध कराई जाए।
 
धामी ने कहा कि जोशीमठ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का शहर है। यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखा जाना चाहिए कि लोगों की आजीविका प्रभावित न हो।
उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य के चमोली जिले में, बदरीनाथ तथा हेमकुंड साहिब के रास्ते में आने वाला जोशीमठ समुद्र तल से 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच’ में आता है।
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