गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Uttar Pradesh cabinet has approved proposal to setup police commissioner system in Lucknow and Noida
Written By
Last Modified: सोमवार, 13 जनवरी 2020 (11:41 IST)

लखनऊ-नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू, UP कैबिनेट ने दी मंजूरी

लखनऊ-नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू, UP कैबिनेट ने दी मंजूरी - Uttar Pradesh cabinet has approved proposal to setup police commissioner system in Lucknow and Noida
लखनऊ। उत्तरप्रदेश में योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए लखनऊ-नोएडा पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लागू कर दिया है। उत्तरप्रदेश सरकार कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। आलोक सिंह गौतम बुद्ध नगर के कमिश्नर बनाए गए हैं। सुजीत पांडेय को लखनऊ का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है।
 
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस सुधार की दिशा में हमारी सरकार ने आज सबसे बड़ा कदम उठाया है। उत्तरप्रदेश कैबिनेट ने लखनऊ तथा नोएडा में कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है।
 
उत्तरप्रदेश में कमिश्नर सिस्टम लागू करने की यह पहल कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले 1976-77 में प्रयोग के तौर पर कानपुर में कमिश्नर सिस्टम लागू करने की कोशिश की गई थी। 
 
2009 में मायावती सरकार ने भी नोएडा और गाजियाबाद को मिलाकर कमिश्नर प्रणाली लागू करने की तैयारी की थी, लेकिन वह अमलीजामा नहीं पहन सकी। पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने भी प्रदेश की योगी सरकार को कई जिलों में कमिश्नर सिस्टम लागू करने की बात कही थी।
 
क्या होती है कमिश्नर प्रणाली : देश में यह व्यवस्था 100 से अधिक महानगरों में सफलतापूर्वक लागू है। देश में स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों के दौर में कमिश्नर प्रणाली लागू थी। इसे आजादी के बाद भारतीय पुलिस ने अपनाया। भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के भाग 4 के तहत जिला अधिकारी के पास पुलिस पर नियंत्रण करने के कुछ अधिकार होते हैं। इसके अलावा, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को कानून और व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ शक्तियां देता है।
 
क्या होते हैं फायदे : कमिश्नर प्रणाली लागू होते ही पुलिस के अधिकार बढ़ जाएंगे। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को डीएम आदि अधिकारियों के फैसले के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पुलिस खुद किसी भी स्थिति में फैसला लेने के लिए ज्यादा ताकतवर हो जाएगी।
 
जिले की कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसलों को लेने का अधिकार कमिश्नर के पास होगा। होटल के लाइसेंस, बार के लाइसेंस, हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी इसमें शामिल होगा।
 
धरना प्रदर्शन की अनुमति देना न देना, दंगे के दौरान लाठीचार्ज होगा या नहीं, कितना बल प्रयोग हो यह भी पुलिस ही तय करती है। जमीन की पैमाइश से लेकर जमीन संबंधी विवादों के निस्तारण का अधिकार भी पुलिस को मिल जाएगा।
ये भी पढ़ें
KYC को लेकर RBI ने दी Digital Locker और डिजिटल डॉक्यूमेंट्‍स को मान्यता, जानिए इसके फायदे