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Last Modified: चंडीगढ़ , शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 (23:29 IST)

सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर, शिअद अध्यक्ष का चुनाव 1 मार्च को

Sukhbir Badal
Sukhbir Badal News : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की कार्यसमिति ने शुक्रवार को पार्टी प्रमुख के पद से सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। कुछ दिन पहले अकाल तख्त के जत्थेदार ने शिअद से 2 दिसंबर के उसके आदेश को जल्द से जल्द लागू करने को कहा था। बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने के साथ ही नए पार्टी प्रमुख के चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया है। कार्यसमिति ने 20 जनवरी को नया सदस्यता अभियान शुरू करने और एक मार्च को नए अध्यक्ष के लिए चुनाव कराने की भी घोषणा की।
 
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने छह जनवरी को बादल के त्याग पत्र को स्वीकार करने के निर्देश का हवाला देते हुए शिअद से दो दिसंबर के आदेश को जल्द से जल्द लागू करने को कहा था। अकाल तख्त ने पिछले साल दो दिसंबर को 2007 से 2017 तक पंजाब में शिअद और उसकी सरकार द्वारा की गई ‘गलतियों’ के लिए बादल एवं अन्य नेताओं को धार्मिक सजा सुनाई थी तथा शिअद की कार्यसमिति को पार्टी प्रमुख के रूप में बादल एवं अन्य नेताओं के इस्तीफे को स्वीकार करने का भी निर्देश दिया था।
बादल ने धार्मिक सजा भुगती, लेकिन कार्यसमिति ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। उन्होंने पिछले साल नवंबर में पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने के बाद बादल ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
 
उन्होंने कहा, पांच साल पहले शिअद के प्रतिनिधि सत्र में मुझे अकाली दल की सेवा करने की बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। पिछले पांच वर्षों में मैं पार्टी के लिए जो कुछ भी कर सकता था, मैंने किया। मैं उन कार्यकर्ताओं और नेताओं को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने मेरा साथ दिया।
उन्होंने कहा, अब पांच साल बीत चुके हैं। जब मुझे अकाल तख्त साहिब जाना था, तो मैंने एक विनम्र सिख के रूप में जाने का मन बनाया था लेकिन कुछ कारणों से यह (मेरा इस्तीफा) स्वीकार नहीं किया गया। कार्यसमिति को नए सिरे से सदस्यता अभियान शुरू करना चाहिए और उसके बाद नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाना चाहिए।
 
बादल ने पिछले साल 16 नवंबर को पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन पार्टी की कार्यसमिति ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था। कार्यसमिति ने उनसे अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार करने की अपील करते हुए कहा था कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो पूरी समिति सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देगी।
 
वरिष्ठ शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने शुक्रवार को यहां मीडिया से कहा कि बादल खुद बैठक में शामिल हुए, क्योंकि उनका इस्तीफा लंबित था। चीमा ने कहा कि उन्होंने (बादल ने) अनुरोध किया कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, उनके अनुरोध पर कार्यसमिति ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया। उन्होंने 20 जनवरी से 20 फरवरी तक पार्टी का नया सदस्यता अभियान चलने की घोषणा की।
चीमा ने कहा कि शिअद के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ को सदस्यता अभियान और अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान पार्टी के लिए बड़े फैसले लेने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान पार्टी के 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए एक मार्च को चुनाव होगा।
 
आठ जनवरी को शिअद के एक प्रतिनिधिमंडल ने अमृतसर में अकाल तख्त के जत्थेदार से मुलाकात की थी और उन्हें पार्टी के संगठनात्मक चुनाव कराने के लिए सात सदस्‍यीय समिति बनाने के उनके निर्देश को लागू करने में पार्टी के सामने आ रही कानूनी बाधाओं से अवगत कराया था।
 
शिअद ने पहले जत्थेदार को सूचित किया था कि अकाल तख्त द्वारा गठित सात सदस्‍यीय समिति के माध्यम से पार्टी का पुनर्गठन करने से निर्वाचन आयोग से इसकी मान्यता समाप्त हो सकती है, क्योंकि किसी राजनीतिक दल को किसी धार्मिक निकाय के निर्देशों के बजाय धर्मनिरपेक्ष तरीके से चलना चाहिए।
पिछले साल 30 अगस्त को सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ अकाल तख्त ने बादल को 'तनखैया' (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किया था। अकाल तख्त ने उन्हें धार्मिक सजा भी सुनाई थी। पूर्व उपमुख्यमंत्री बादल 2008 में जब पार्टी अध्यक्ष बने थे, तब वह शिअद के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष थे।
 
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत का श्रेय अक्सर उन्हें दिया जाता था। लेकिन 2017 में 117 सीट में से सिर्फ़ 15 सीट जीतने और 2022 के चुनाव में तीन सीट पर सिमट जाने के बाद उनके नेतृत्व पर उनकी पार्टी के ही नेताओं ने सवाल उठाए। पिछले साल लोकसभा चुनाव में, शिअद 13 में से सिर्फ एक सीट जीत पाई। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour