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Written By Author उमेश चतुर्वेदी

सुलभ की राह पर चलकर ही देश बनेगा पूरी तरह स्वच्छ : श्रीश्री रविशंकर

सुलभ की राह पर चलकर ही देश बनेगा पूरी तरह स्वच्छ : श्रीश्री रविशंकर - Sri Sri Ravi Shankar, Art of Living
नई दिल्ली। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और जाने-माने अध्यात्म गुरु श्रीश्री रविशंकर ने लोगों से शौचालय के उपयोग को बढ़ावा देने की अपील की है। सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस संगठन के मुख्यालय पहुंचे श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि सुलभ की राह पर चलकर ही देश को पूरी तरह स्वच्छ बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में स्वचछ्ता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस दिशा में और अधिक जागरूकता लाने की जरूरत है ताकि देश को जल्द से जल्द स्वच्छ बनाया जा सके। 
इस मौके पर सुलभ इंटरनेशन के संस्थापक डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि श्रीश्री के विचारों से देश को प्रेरित होने की जरूरत है। इस मौके पर श्रीश्री रविशंकर ने युवाओं से अपील की कि वे सुलभ की राह पर चलकर गांव-गांव को स्वच्छ और सफल बनाएं। श्रीश्री रविशंकर ने सुलभ के प्रयासों और कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक कर्मयोगी हैं। 
श्रीश्री ने कहा कि नौजवानों को बिंदेश्वर पाठक से प्रेरणा लेकर देश और समाज को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए। श्रीश्री रविशंकर का स्वागत करते हुए सुलभ इंटरनेशल के संस्थापक डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि सुलभ ग्राम में श्रीश्री के आगमन से सुलभ के कर्मयोगियों को प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि श्रीश्री के बताए रास्ते पर सुलभ आगे बढ़ने की कोशिश करता रहेगा।
 
सुलभ इंटरनेशनल के मुख्यालय में स्थित शौचालय संग्रहालय को देखकर श्रीश्री रविशंकर बेहद प्रभावित नजर आए। जब उन्होंने मानव मल से तैयार बायोगैस संयंत्र देखा तो चकित रह गए। उन्होंने इस तकनीक के बारे में कहा कि किसी गांव को ऐसी तकनीक के जरिए पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने इस गैस की आंच पर खुद पापड़ भी तला। 
 
इस दौरान श्रीश्री ने वृंदावन और वाराणसी के आश्रमों में रह रहीं विधवा महिलाओं से मुलाकात की और उनके साथ फोटो भी खिंचाया। इसके साथ ही श्रीश्री ने राजस्थान के अलवर और टोंक की उन महिलाओं से भी मुलाकात की, जो पहले सिर पर मैला ढोने की कुप्रथा का शिकार थीं।
 
इन महिलाओं को सुलभ के प्रयासों से समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा चुका है। अब ये महिलाएं ब्यूटीशियन, पापड़-अचार बनाने के साथ ही कपड़े सिलाई आदि का कार्य करती हैं। सुलभ की पहल के बाद इन महिलाओं में से कई अब संस्कृत में श्लोकों का पाठ करने लगी हैं। इन महिलाओं के उत्थान में सुलभ इंटरनेशनल की भूमिका को जानकर श्रीश्री दंग रह गए। उन्होंने इसके लिए सुलभ की जमकर सराहना की।
 
इसके पहले जब श्रीश्री रविशंकर सुलभ मुख्यालय पहुंचे तो उनका मंत्रोच्चार और शंख ध्वनि के बीच जोरदार स्वागत किया गया। जिसकी अगुआई सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक और समाज सुधारक डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक ने किया।