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Last Updated : सोमवार, 26 अप्रैल 2021 (12:11 IST)

सेवा की अनूठी मिसाल, पुणे की 'स्कॉटिश लड़की' पहुंचा रही है कोरोना योद्धाओं को नि:शुल्क टिफिन

सेवा की अनूठी मिसाल, पुणे की 'स्कॉटिश लड़की' पहुंचा रही है कोरोना योद्धाओं को नि:शुल्क टिफिन - scottish ladki of pune has delivered thousands free home cooked tiffin
22 साल तक स्कॉटलैंड में रहीं पुणे की आकांक्षा सादेकर को दोस्त 'स्कॉटिश लड़की' के नाम से बुलाते हैं। कोरोना (Corona) संक्रमण के दौर में उन्होंने जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। वे 5 अप्रैल से फ्रंटलाइन पर काम कर रहे डॉक्टर्स, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों तक अपने हाथ से बना खाना पहुंचाने का काम कर रही हैं। वे अब तक हजारों ‍टिफिन सप्लाई कर चुकी हैं। 
 
पुणे में अपना फैमली बिजनेस संभाल रहीं आकांक्षा 8 घंटे काम करती हैं फिर अपनी मेड की मदद से स्वास्थ्यकर्मियों के साथ सड़कों पर रहने वाले भूखे-बेघर लोगों तक भी खाना पहुंचा रही रही हैं। आकांक्षा ने शुरू में अपने मेडिकल दोस्तों और भाई के लिए डिब्बे बनाना शुरू किया, लेकिन एक दिन उन्होंने एक फैसला किया और ट्‍वीट किया कि किसी को भोजन की आवश्यकता है तो सूचित करें। अगले दिन से आपको भी ‍टिफिन पहुंचाया जाएंगा। एक टिफिन से शुरू हुआ उनका यह अभियान अब 350 टिफिन तक पहुंच चुका है। 
 
आकांक्षा हर दिन फ्रंटलाइन वर्कर्स, पुलिस, छात्रों और कोविड -19 मरीजों के लिए घर का बना खाना तैयार कर रही हैं। यह सेवा पूरी तरह से निशुल्क है। इसका उद्देश्य व्यावसायिक न होकर वास्तव में सेवा करना है। 
 
एक ट्‍वीट बना प्रेरणा : महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू की वजह से जब एक डॉक्टर अपनी ड्यूटी से रात को साढ़े नौ बजे घर पहुंचे तो उन्हे पौष्टिक आहार की जगह पेट भरने के लिए नूडल्स का सहारा लेना पड़ा। डॉक्टर का ट्‍वीट पढ़ने के बाद आकांक्षा मन में फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए घर का खाना पहुंचाने का विचार मन में आया। और, देखते ही देखते उसने मूर्त रूप भी ले लिया। 
 
सिर्फ दोस्तों से मदद : आकांक्षा को इस दौरान आर्थिक मदद की पेशकश भी की गई है, लेकिन फिलहाल वे दोस्तों से ही आर्थिक मदद ले रही हैं। भविष्य में एक पारदर्शी प्रणाली शुरू करने की योजना बना रही हैं, जिसमें धन कहां और किस उद्देश्य से उपयोग किया जा रहा है, इसका लेखा-जोखा होगा।
 
आकांक्षा कहती हैं कि ये सेवा निशुल्क ही रहेगी क्योंकि यह व्यवसाय नहीं है। हम जरूरतमंद लोगों के लिए कम से कम इतना तो कर सकते हैं। मेडिकल और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के साथ पुलिस, एम्बुलेंस चालक, डॉक्टर और कई अन्य लोगों की मदद करने के लिए वह तैयार रहती हैं। उन्होंने कहा कि वह गांव लौटने वाले प्रवासी मजदूर या बस से अपने घरों की लौट रहे लोगों को भी भोजन प्रदान की योजना बना रही हैं। 
 
नहीं चाहिए श्रेय : आकांक्षा को इस कार्य के लिए न तो श्रेय चाहिए न ही वे चाहती हैं कि कोई उन्हें मसीहा कहे। वे यह कार्य सिर्फ आत्मसंतोष के लिए कर रही है। वे सोचती हैं कि उनकी वजह से अगर एक भी व्यक्ति का तनाव कम होता है तो उन्हें खुशी होगी। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोग उनके ट्विटर हैंडल @scottishladki पर अपना नाम और विवरण भेजेंगे तो वह अगले दिन से उन्हें टिफिन पहुंचाने का काम करेंगी। 
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