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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 9 अक्टूबर 2016 (13:18 IST)

सार्वजनिक नहीं होगी वेमुला की मौत की जांच रिपोर्ट

Rohit Vemula
नई दिल्ली। केंद्र ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित वेमुला की मौत पर एक पैनल की रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इंकार किया है। आरटीआई के जरिए पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्र ने कहा कि संबंधित फाइल अभी विचारार्थ है इसलिए रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है।
 
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने पीटीआई की ओर से दाखिल एक आरटीआई के जवाब में कहा कि संबंधित फाइल अभी विचारार्थ है इसलिए इस वक्त रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है। 
 
बहरहाल, इसमें इस बात का उल्लेख नहीं है कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के किस प्रावधान के तहत यह सूचना नहीं दी गई। आरटीआई अधिनियम के जिस संबंधित प्रावधान के तहत सूचना रोकी जा रही है, सरकारी विभाग को उसका उल्लेख करना होता है।
 
हैदराबाद विश्वविद्यालय में हुए कार्यक्रमों की जांच के लिए एचआरडी मंत्रालय ने फरवरी में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशोक कुमार रूपनवाल के नेतृत्व में जांच आयोग गठित किया था। विश्वविद्यालय में हुए ये कार्यक्रम अंतत: रोहित वेमुला की मौत में परिणत हुए थे।
 
आयोग को विश्वविद्यालय में छात्रों की मौजूदा शिकायत निवारण तंत्र की समीक्षा करने और सुधारों का सुझाव देने का भी जिम्मा दिया गया था। आयोग को 3 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था। पैनल ने एचआरडी मंत्रालय को यह रिपोर्ट सौंप दी है।
 
हालिया मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि आयोग ने वेमुला के दलित होने पर सवाल उठाया है और उसकी आत्महत्या के लिए व्यक्तिगत कारणों को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट के अनुसार वेमुला की मौत के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को किसी भी तरह के आरोप से मुक्त करार दिया गया है।
 
वेमुला की मौत के कारण भारी राजनीतिक हंगामा मचा था और तत्कालीन एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी सहित श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय के इस संबंध में पत्र लिखे जाने के कारण उन पर हमले तेज हो गए थे।
 
समझा जाता है कि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में छात्रों के लिए उचित शिकायत निवारण तंत्र और समान अवसर प्रकोष्ठों पर जोर दिया है ताकि वेमुला की आत्महत्या जैसे दुर्भाग्यपूर्ण मामलों को होने से रोका जा सके। (भाषा) 
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