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Last Updated : रविवार, 10 जुलाई 2016 (21:47 IST)

कश्मीर में हिंसा जारी, अब तक 21 मरे, पूरी वादी में कर्फ्यू

कश्मीर में हिंसा जारी, अब तक 21 मरे, पूरी वादी में कर्फ्यू - Regional News, Jammu and Kashmir, violence, Burhan Wani
श्रीनगर। बुरहान वानी की मौत ने कश्मीर में जो आग लगाई थी कश्मीर अभी भी उसमें जल रहा है। समाचार भिजवाए जाने तक 21 लोगों की मौत पुलिस गोली से हो चुकी थी। इनमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल है जबकि तीन पुलिसवाले अभी तक गायब हैं। कर्फ्यूग्रस्त वादी में तोड़फोड़ तथा हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला भी जारी था। अस्पतालों में मेडिकल इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। 
हालात पर काबू पाने की खतिर राज्य सरकार ने अब अलगाववादियों से मदद मांगनी शुरू की है, जो कश्मीर को जलता देखने की ‘खुशी’ इसलिए मना रहे हैं क्योंकि कश्मीर को उन्होंने 2010 के हालात में पहुंचा दिया है। रेल सेवाएं भी बंद हैं। अमरनाथ यात्रा भी जम्मू से बंद है। हिंसा का शिकार पर्यटक तथा अमरनाथ यात्री भी होने लगे हैं। एक जानकारी के मुताबिक, अगर हालात नहीं थमे तो केंद्र सरकार कश्मीर वादी में सेना की तैनाती कर सकती है ताकि प्रदर्शनकारियों से निपटा जा सके। बताया जाता है कि इन प्रदर्शनकारियों में आतंकी भी घुसे हुए हैं जिनसे स्थानीय पुलिस को निपटना खाला जी का घर लग रहा है।
कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में रविवार को एक अन्य युवक की मौत और पांच अन्य घायलों के दम तोड़ने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। वहीं एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के एक बख्तरबंद वाहन को जेहलम नदी में फेंक दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलवामा जिले में कर्फ्यू तोड़कर सुरक्षाबलों पर हमला किया गया, जिसमें हुई गोलीबारी में इरफान अहमद मलिक की मौत हो गई।
इतना जरूर था कि अमरनाथ यात्रा को पहलगाम तथा बालटाल के बेस कैम्पों से बहाल कर दिया गया था लेकिन जम्मू से यह अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। विभिन्न स्थानों पर तकरीबन 40 हजार श्रद्धालु फंसे हुए हैं। कईयों के वाहनों पर हिंसक हमले भी हुए हैं। कईयों को चोटें भी आई हैं। इतना जरूर था कि अमरनाथ श्रद्धालुओं पर हो रहे हमलों से कहीं भावनाएं न आहत हो इसलिए प्रशासन ने अब पूरे जम्मू कश्मीर में इंटरनेट बंद कर दिया है। कश्मीर में मोबाइल सेवाएं भी बंद की जा चुकी हैं।
कश्मीर हिंसा को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक के दौरान गृहमंत्री ने सभी अधिकारियों को हालात से जल्द से जल्द निपटने के निर्देश दिए। साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के लोगों से शांति की अपील की। उन्होंने एक बयान में कहा कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए केंद्र जम्मू कश्मीर सरकार के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा की घटनाओं में मूल्यवान जीवन क्षति से बहुत आहत हूं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
प्रदर्शनकारियों ने तीन पुलिस स्टेशनों को जला दिया है। राज्य सरकार की मांग पर केरिपुब की 30 कंपनियां घाटी में भेजी गई हैं जबकि राज्य में पहले से ही 60 बटालियन तैनात है। वहीं बुरहान के मारे जाने के बाद से दक्षिण कश्मीर, पुलवामा समेत सभी 10 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है जबकि बाकी इलाकों में अघोषित कर्फ्यू लागू है। ऐहतियातन घाटी में शनिवार कल से ही ट्रेन सेवाएं बंद हैं। ट्रेनें अगली सूचना तक बंद रहेंगी। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शांति की अपील की है। साथ ही उन्होंने प्रदर्शन के दौरान लोगों की मौत पर गहरा दु:ख जताया है। साथ ही मुफ्ती ने सुरक्षाबलों से प्रदर्शनकारियों पर जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग से बचने को कहा है।
बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर घाटी के सभी जिलों में हिंसा जारी है। विरोध कर रही भीड़ ने अब तक 18 पुलिस चौकियों, तीन थाने के साथ केरिपुब के कई कैंपों को भी निशाना बनाया है। इसके साथ राष्ट्रीय राइफल कैंप और 20 से ज्यादा सरकारी भवनों को भी निशाना बनाया गया। अभी तक इस हिंसा में 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों में से कईयों की दशा नाजुक है जिन्हें पुलिस की गोलियां लगी हैं। दरअसल सुरक्षाबलों ने कई स्थानों पर हिंसा को थामने की खातिर खुले दिल से गोलियां चलाई हैं।
ताजा घटनाक्रम में रविवार दोपहर दक्षिणी कश्मीर में उग्र प्रदर्शकारियों ने पुलिस वाहन को झेलम नदी में फेंक दिया। वाहन में दो पुलिसकर्मी सवार थे। जिसमें से एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई है तो वहीं दूसरे की तलाश जारी है। उपद्रवियों ने अमरनाथ यात्रा जा रहे भक्तों को भी नहीं बख्शा। कई जगहों पर अमरनाथ यात्रियों पर भी हमले हुए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा भी रोक दी गई है। हिंसा को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों को रोकने के लिए जम्मू कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है।
 
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक भीड़ ने डीएच पोरा में पुलिस स्टेशन से हथियारों को लूट लिया और इमारत को आग के हवाले कर दिया। आईजीपी गिलानी के मुताबिक 20 से ज्यादा पुलिसवालों को बंधक बना लिया गया था और लूटी हुई बंदूकों से उन पर गोलियां चलाई गई, जिसमें तीन पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
 
कश्मीर में नेताओं के घरों को भी निशाना बनाया जा रहा है। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने कुलगाम जिले में बीजेपी नेता के घर पर भी आगजनी की। इसके साथ ही पीडीपी विधायक अब्दुल रहीम के घर में भी आग लगा दी। कश्मीरी पंडितों के घर में भी तोड़फोड़ की बात सामने आई है।
 
शुक्रवार रात को ही श्रीनगर रोड पर काजीकुंड-अनंतनाग के पास स्थानीय लोगों ने अमरनाथ यात्रा के काफिले पर हमले शुरू कर दिए। बसों-कारों के शीशे तोड़े गए। महिलाओं को बेइज्जत किया गया। मारपीट भी की। रात के समय स्थानीय लोगों ने यात्रियों से लूट-खसोट की जा रही है। कई यात्रियों से पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगवाने के बाद उन्हें आगे जाने दिया गया है। सुरक्षाबलों के पहुंचने के बाद भी स्थानीय लोग पथराव कर रहे हैं। अनंतनाग के पास भी लोग पत्थर बरसा रहे हैं। कुछ श्रद्धालु जख्मी हुए हैं।
 
एक श्रद्धालु ने बताया कि न सेना आगे जाने दे रही है, न हम पीछे मुड़ सकते हैं। जगह-जगह हाईवे जाम है। खाने को कुछ नहीं बचा है। जो लोग गाड़ियों के साथ अनंतनाग पहुंच चुके थे, वे लौट रहे है। ज्यादातर गाड़ियों के शीशे टूटे हुए दिखाई दिए। रास्ते में भी कई लोग फंसे हैं। कोई मेडिकल सुविधा नहीं है। श्रद्धालुओं को राशन की आपूर्ति रुकने से लंगर में खाना नहीं मिल रहा है। जम्मू के आईजी डेनिश राणा ने कहा कि हालात सामान्य होने तक अमरनात यात्रा पर रोक जारी रहेगी। जम्मू में अभी भी 8 से 10 हजार श्रद्धालु फंसे हुए हैं।