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Last Modified: गुरुवार, 10 जून 2021 (14:26 IST)

राजस्थान में पायलट फिर 'उड़ान' की तैयारी में..!

राजस्थान में पायलट फिर 'उड़ान' की तैयारी में..! - rajasthan politics again stirred up by sachin pilots statement
उत्तर प्रदेश और पंजाब में अपने नेताओं के बागी तेवर झेल रही कांग्रेस के लिए अब राजस्थान से भी अच्छी खबर नहीं है। पिछली बार किसी तरह मान गए वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट एक बार फिर बागी तेवरों के साथ नजर आ रहे हैं। गुरुवार को 8 विधायकों ने पायलट से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद समझा जा रहा है कि सचिन पायलट के मन में कुछ तो ऐसा चल रहा है जो कांग्रेस की 'सेहत' के लिए ठीक नहीं है।
 
दरअसल, कांग्रेस विधायक विश्वेन्द्र‍ सिंह, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, गुरदीप सिंह शाहपीनी, पीआरमीणा, राकेश पारीक, रामनिवास गावड़िया समेत करीब 8 विधायकों ने गुरुवार को सचिन पायलट से मुलाकात की है। इसके बाद से ही राज्य की खासकर कांग्रेस की राजनीति में हलचल मची हुई है। इससे पूर्व पायलट समर्थक और पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी जिन्होंने हाल ही में कुछ मुद्दों को लेकर सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भेजा दिया था।
 
पायलट को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है, लेकिन अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे पायलट अब कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि चूंकि गत वर्ष पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों पर 10 महीने पूर्व गठित केन्द्रीय समिति द्वारा अभी तक कोई एक्शन नहीं होने से भी वे नाराज हैं। मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पायलट और उनके समर्थकों को अलग-थलग कर रखा है। 
 
इस बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेन्द्र सिंह ने ने बुधवार को कहा कि यदि पार्टी आलाकमान ने कोई वादा किया है तो उसे पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान अथवा प्रभारी महासचिव से जो भी बातचीत हुई है, तो इसे पूरा करना चाहिए। यदि उन्होंने (पायलट ने) कोई मुद्दा उठाया तो मैं नहीं समझता उसमें कुछ गलत है।
 
आपको बता दें कि पिछले वर्ष यानी जुलाई 2021 में मुख्यमंत्री गहलोत के प्रति नाराजगी दिखाते हुए अपने समर्थक विधायकों के साथ सचिन पायलट हरियाणा चले गए थे। उस समय पायलट को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था। पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद वे वापस तो लौट आए थे, लेकिन अब वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। हालांकि उस समय आलाकमान ने उनके द्वारा उठागए गए मुद्दों के समाधान के लिए एक समिति का गठन किया था।

यह भी ध्यान रखने वाली बात है पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी उपेक्षा से नाराज होकर कांग्रेस छोड़ दी, फिर यूपी के बड़े नेताओं में शुमार जितिन प्रसाद ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। ऐसे में सचिन कोई बड़ा कदम उठा लें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। ये दोनों ही नेता पायलट के काफी करीबी माने जाते हैं।
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