गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Punjab and Haryana High Court's decision regarding divorce
Written By
Last Modified: सोमवार, 10 जनवरी 2022 (17:45 IST)

जो शादी स्थाई रूप से टूट गई उसमें तलाक नहीं देना विनाशकारी : उच्च न्यायालय

जो शादी स्थाई रूप से टूट गई उसमें तलाक नहीं देना विनाशकारी : उच्च न्यायालय - Punjab and Haryana High Court's decision regarding divorce
चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसे मामले में तलाक नहीं देना विनाशकारी होगा अगर शादी स्थाई रूप से टूट गई हो और जोड़े के साथ आने व एकसाथ रहने की कोई संभावना नहीं हो।

उच्च न्यायालय ने गुरुग्राम परिवार अदालत के फैसले के खिलाफ दाखिल एक व्यक्ति की याचिका स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की। इस व्यक्ति की क्रूरता और परित्याग करने के आधार पर तलाक के लिए दाखिल अर्जी परिवार अदालत ने अस्वीकार कर दी थी। इसके बाद इस व्यक्ति ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

न्यायमूर्ति रितु बाहरी और न्यायमूर्ति अर्चना पुरी की पीठ ने 20 दिसंबर 2021 को आदेश पारित करते हुए कहा, इस मामले में शादी अपरिवर्तनीय स्तर पर टूट चुकी है और उनके साथ होने की या एकसाथ दोबारा रहने की कोई संभावना नहीं है। ऐसी स्थिति में तलाक को मंजूरी नहीं देना पक्षकारों के लिए विनाशकारी होगा।

याचिका में कहा गया था कि प्रतिवादी (पत्नी), पति (वादी) के साथ वर्ष 2003 से नहीं रह रही है और वह आम सहमति से विवाद को सुलझाने को तैयार नहीं है जबकि व्यक्ति तलाक चाहता है और एकमुश्त निर्वहन खर्च देने को तैयार है ताकि जिंदगी को आगे बढ़ाए, लेकिन पत्नी उसे स्वीकार नहीं कर रही है।

उच्चतम अदालत के फैसले का संदर्भ देते हुए उच्च न्यायालय की पीठ ने टिप्पणी की, यद्यपि शादी जो सभी मायनों में मृतप्राय हो चुकी है और अगर पक्षकार नहीं चाहते तो अदालत के फैसले से उसे पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता क्योंकि चूंकि इसमें मानवीय भावनाएं शामिल हैं अगर वह सूख गई है तो अदालत के फैसले से कृत्रिम तरीके से साथ रखने पर उनके जीवन में वसंत आने की शायद ही कोई संभावना है।

अदालत ने प्रतिवादी के नाम से 10 लाख रुपए की सावधि जमा कराने का आदेश देते हुए कहा, मामले में असामान्य तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अपील स्वीकार की जाती है और गुरुग्राम की परिवार अदालत के जिला जज का चार मई 2015 का फैसला रद्द किया जाता है और पक्षकारों को तलाक की अनुमति दी जाती है।(भाषा)
ये भी पढ़ें
Corona को लेकर केन्द्र की राज्यों को चिट्‍ठी, मरीजों पर रखें नजर, बदल सकती हैं स्थितियां