द्रमुक की चुनावी घोषणा : तमिलनाडु में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों को
चेन्नई। तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी पार्टी द्रमुक ने 6 अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया जिसमें विद्यार्थियों को मुफ्त में डाटा कार्ड के साथ कम्प्यूटर टैबलेट देने और राज्य की 75 प्रतिशत नौकरियों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने के लिए कानून बनाने सहित कई वादे किए गए हैं। द्रविड़ पार्टी ने प्रमुख हिन्दू मंदिरों की तीर्थयात्रा करने जाने वालों को 25 हजार से 1 लाख रुपए की सहायता देने, मातृत्व अवकाश की अवधि एवं सहायता बढ़ाने, ईंधन के दामों में कटौती करने और नीट परीक्षा पर रोक लगाने सहित कई वादे किए हैं।
पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि अगर उनका दल सत्ता में आता है तो स्नातक करने वाली पहली पीढ़ी को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी, निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने छोटे किसानों को सब्सिडी देने का भी वादा किया। स्टालिन ने पार्टी मुख्यालय अन्ना अरिवालयम में कहा कि सरकारी स्कूलों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को मुफ्त डाटा के साथ टैबलेट दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर द्रमुक सत्ता में आती है तो पेट्रोल एवं डीजल पर लगे करों में कटौती कर क्रमश: 5 और 4 रुपए की कमी की जाएगी। उन्होंने कहा कि एलपीजी सिलेंडर पर 100 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। स्टालिन ने कहा कि वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच के लिए गठित समिति (अरुमुगसामी समिति) की सिफारिशों को लागू करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अगर द्रमुक सत्ता में आई तो तमिलनाडु के उद्योगों में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों को देने के लिए कानून बनाया जाएगा। द्रमुक ने हिन्दू मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 1,000 करोड़ रुपए और गिरजाघरों एवं मस्जिदों की मरम्मत के लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित करने का वादा किया है। पार्टी ने इनके अलावा बेहतर जल प्रबंधन, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, सरकारी नौकरियों में महिला आरक्षण बढ़ाने, वृद्धा पेंशन में बढ़ोतरी करने और भूख उन्मूलन के लिए कलैगनार उनवगम नाम से भोजनालय खोलने का वादा किया है। (भाषा)