2019 में फडणवीस के इस्तीफे के बाद उनकी पत्नी अमृता फडणवीस द्वारा ट्वीट किया गया एक शेर काफी चर्चा में रहा था। एक बैंकर, गायक और सोशल वर्कर के रूप में चर्चित अमृता ने कुछ इस तरह ट्वीट किया था- 'पलट के आऊंगी शाखों पर खुशबुएं लेकर, खिज़ां की ज़द में हूं मौसम ज़रा बदलने दे'। हालांकि संख्या बल के हिसाब से उस समय किसी को उम्मीद नहीं थी कि अमृता की ये पंक्तियां हकीकत हो सकती हैं।
लेकिन, ढाई साल के बाद ही ये पंक्तियां सच हो गईं। दरअसल, अमृता का इन पंक्तियों के माध्यम से यह कहना था कि अभी हालात अनुकूल नहीं हैं, जैसे ही हालात बदलेंगे हम फिर वापसी करेंगे। आखिरकार हालात बदल ही गए। महाराष्ट्र में एक बार फिर भाजपा की सरकार बन रही है। हालांकि ये और बात है कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस नहीं होंगे। लेकिन, वे सत्ता के बड़े केन्द्र के रूप में जरूर उभरे हैं।

अब शिवसेना का क्या होगा? : उल्लेखनीय है कि बहुमत खोने के बाद उद्धव ठाकरे ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, इस पूरे घटनाक्रम को देखें तो सबसे ज्यादा नुकसान उद्धव ठाकरे ने ही उठाया है। मुख्यमंत्री पद से ज्यादा नुकसान उन्हें पार्टी का हुआ है। 56 में से 39 विधायकों ने उद्धव का साथ छोड़ दिया। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद शिवसेना संगठन को भी इसका नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि जो नेता शिवसेना छोड़कर गए हैं, उनके समर्थक कार्यकर्ता भी शिवसेना से बाहर आ जाएंगे या उद्धव गुट से दूरी बना लेंगे।
हालांकि इससे पहले भी शिवसेना टूटी है, लेकिन इतनी बड़ी टूट कभी नहीं देखी गई। पहले भी छगन भुजबल, नारायण राणे और संजय निरूपम जैसे नेता शिवसेना छोड़कर गए हैं, लेकिन उनके जाने के बाद भगवा पार्टी को इतना नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन एकनाथ शिंदे समेत 39 विधायकों के जाने से आने वाले समय में शिवसेना को बड़ा नुकसान हो सकता है। यह भी संभव है कि शिवसेना के टुकड़े हो जाएं।