उत्तराखंड में हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर लगाई रोक
Panchayat elections case : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनावों पर सोमवार को रोक लगा दी और कहा कि यह अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने राज्य में पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की चक्रीय व्यवस्था को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, 10 और 15 जुलाई को दो चरणों में होने वाले इन चुनावों पर रोक लगा दी। खंडपीठ ने कहा कि पंचायत चुनावों पर यह रोक अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा हाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए तिथियां घोषित की गई थीं। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, मतगणना 19 जुलाई को होनी थी। खंडपीठ ने कहा कि पंचायत चुनावों पर यह रोक अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी। उच्च न्यायालय का यह आदेश ऐसे समय आया है जब इन चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता 12 जिलों में लागू हो चुकी थी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने पंचायत चुनावों के लिए अधिसूचना और विस्तृत चुनाव कार्यक्रम 21 जून को जारी किया था, जिसके अनुसार नामांकन पत्र 25 जून से दाखिल किया जाना था। उत्तराखंड में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो जाने के कारण उनमें नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है।
इस बीच, प्रदेश के पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश (स्थगन) का समुचित पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरक्षण नियम 2025 की गजट अधिसूचना की प्रति रूड़की में सरकारी प्रेस को भेजी जा रही है जिसे जल्द ही जारी कर दिया जाएगा और उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा ताकि उपयुक्त न्यायिक मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सके।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार, अदालत की गरिमा एवं निर्देशों का पूर्ण सम्मान करते हुए पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक और विधिसम्मत तरीके से संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour