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Written By Author सुरेश डुग्गर
Last Modified: सोमवार, 24 अक्टूबर 2016 (19:42 IST)

पाकिस्तान की गोलीबारी से बढ़ा गांवों से पलायन

पाकिस्तान की गोलीबारी से बढ़ा गांवों से पलायन - Pakistan, firing, International Border, Jammu frontier
जम्मू। पिछले 24 घंटों में पाक सेना ने इंटरनेशनल बॉर्डर पर जम्मू फ्रंटियर के सैकड़ों गांवों और सीमा चौकियों को निशाना बना जो भारी गोलों की बरसात की उसने भीषण तबाही मचाई है। तबाही का मंजर कितना भयंकर है, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीएसएफ के चार जवान जख्मी हुए तो उनमें से एक की बाद में मौत हो गई। 
एक 8 साल के बच्चे की मौत हो गई। सात नागरिक भी जख्मी हुए। 70 से अधिक जानवर मारे गए और 200 से अधिक जख्मी हो गए। खेतों में खड़ी फसलें जलकर राख हो गई हैं। इतना जरूर था कि इस ओर से जवाबी कार्रवाई ने भी पाक रेंजरों तथा पाक सेना को जबरदस्त नुक्सान पहुंचाया है। 
 
आधिकारिक तौर पर कहा जा रहा है कि पाक सेना की कई चौकियों और बंकरों को नेस्तनाबूद कर दिया गया है। हालांकि पाकिस्तान ने इसे स्वीकार किया है कि उसके दो नागरिकों की इस कार्रवाई में मौत हुई है तथा कई नागरिक जख्मी हुए हैं।
 
पाक सेना और पाक रेंजरों ने कल शाम को आरएस पुरा, परगवाल, अखनूर, कठुआ और सांबा के सेक्टरों की करीब 100 चौकियों तथा गांवों को निशाना बना भीषण गोलों की बरसात आरंभ कर दी थी। जानकारी के लिए यह गोलाबारी एलओसी पर नहीं बल्कि इंटरनेशनल बॉर्डर पर हो रही है।
 
अधिकारियों ने बताया कि पाक सेना 82 एमएम तथा 120 एमकएम के मोर्टार का इस्तेमाल कर रही है। कुछेक इलाकों में हल्के तोपखानों का इस्तेमाल होने की भी खबरें हैं पर उनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। इस ओर से भी बराबरी के हथियारों से जवाबी कार्रवाई की जा रही है।
 
अधिकारियों ने बताया कि पाक सेना की गोलाबारी के कारण बीएसएफ के चार जवान जख्मी हो गए। इनमें से हेड कांस्टेबल सुशील कुमार की बाद में मृत्यु हो गई। वे कुरूक्षेत्र के पिहोवा के रहने वाले थे जबकि बिहार के सिवान के रहने वाले एएसआई केडी पुरी की दशा अभी भी नाजुक बनी हुई है। याद रहे पिछले दो दिनों में बीएसएफ को अपने दो जवान इस गोलाबारी में खोने पड़े हैं जबकि पाक सेना के 11 से अधिक जवान मारे गए थे। अब ताजा जवाबी कार्रवाई में भी पाक रेंजर्स के दर्जनभर सैनिकों को ढेर करने का दावा किया जा रहा है।
 
पाक सेना ने जब गोलों की बरसात की तो कान्हाचक के ललयाल गांव के 8 वर्षीय विक्की की मौत हो गई। गिरधारी लाल, प्रकाशो देवी समेत कई नागरिक भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इनमें से अधिकतर बुजुर्ग हैं जो अपनी उम्र के 70 बसंत देख चुके हैं।
 
तबाही का मंजर इससे भी अधिक भयंकर है। पाक गोलों के निशाने वे मूक जानवर भी बने हैं जिन्हें सीमावासी गोलीबारी से बचने की खातिर पलायन करते समय अपने साथ ले जाने में नाकाम रहे थे। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 70 से अधिक जानवर मारे गए हैं। दो सौ से अधिक जख्मी हालत में हैं और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।
 
अधिकारियों के मुताबिक हालांकि बीएसएफ और सेना पाक गोलाबारी का भरपूर और जोरदार तरीके से जवाब दे रही है पर आरएस पुरा, परगवाल, गड़खाल, कान्हाचक, सेई, देवीगढ़, निक्कोवाल, ज्यौड़ियां, कोरोटोना, लालयाल, हीरानगर, सांबा और कठुआ के बीसिसों गांवों में खेतों में खड़ी फसलें आग पकड़ चुकी हैं। पलायन कर सुरक्षित स्थानों तथा बंकरों में शरण लेने वाले सीमावासियों को कई स्तर पर नुक्सान सहन करना पड़ रहा है। खेतों में खड़ी फसलें राख हो गई हैं। घरों में बंधे हुए जानवर मारे गए हैं। मकानों को भी पाक गोलाबारी ने जबरदस्त क्षति पहुंचाई है।
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