गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. om parvat missed from himalaya
Last Updated : बुधवार, 28 अगस्त 2024 (13:31 IST)

हिमाचल पर्वत श्रृंखला से गायब हुआ बर्फीला ओम पर्वत!

हिमाचल पर्वत श्रृंखला से गायब हुआ बर्फीला ओम पर्वत! - om parvat missed from himalaya
  • ओम पर्वत पर बर्फ की जगह दिखाई दे रहा है काला रंग
  • एक दशक पहले तक बर्फ से ढंका रहता था ओम पर्वत
  • पर्यावरणविद् और वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
Uttarakhand news : कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जिसे में कैलाश मानसरोवर जाने वाले मार्ग पर ओम पर्वत स्थित है। हिमाचल की पर्वत श्रृंखला में एक राजसी पर्वत है, जिसके शीर्ष पर ओम की आकृति उभरती है, जिसके चलते यह ओम पर्वत के नाम से जाना जाता है। इस ओम पर्वत पर अब संकट के बादल छाने लगे है, क्योंकि यहां से बर्फ नदारद है और इसका रंग काला पड़ने लगा है। वैज्ञानिकों और पर्यावरण विदों ने इस पर चिंता जताई है।
 
हिन्दू मान्यता के मुताबिक शिव पुराण में कहा गया है कि ब्रह्मांड के निर्माण से पहले ओम की उत्पत्ति हुई थी। पौराणिक ग्रंथों में लिखा हैकि दुनिया में आठ रहस्यों में छिपे हुए, प्राकृतिक ओम पर्वत भी प्रतीक हैं, यह धारचूला की व्यास घाटी में 5900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह पर्वत है।
 
पर्यावरणविद् और वैज्ञानिक ओम पर्वत से बर्फ गायब होने और रंग काला पड़ने का कारण ग्लोबल वार्मिंग मान रहे है। पर्यावरण संरक्षकों का दृष्टिकोण है कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों के चलते यह स्थिति उत्पन्न हो रही है।
 
भारतीय पर्यावरण संस्थान उत्तराखंड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पर्यावरण एवं जंतु विज्ञान विभाग गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर बीडी जोशी का कहना है कि कुछ समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओम पर्वत दर्शन के लिए आयें थे, उस समय ओम पर्वत का राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार भी हुआ।
 
प्रधानमंत्री के आने के बाद एकाएक कुमाऊं के पिथौरागढ़ क्षेत्र में पर्यटन बढ़ गया, सैलानियों की सुविधा के लिए सड़कें और कई संरचनाओं को स्थापित किया गया, जिसका नकारात्मक प्रभाव अब सामने आ रहा है क यहां का तापमान बढ़ने के चलते अब जलवायु परिवर्तन हो रहा है।
 
एक दशक पहले तक ओम पर्वत और इसके आसपास की पहाड़ियां वर्ष भर बर्फ से ढकी रहती थीं, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के चलते गर्मी बढ़ गई है, उच्च हिमालयी क्षेत्र पर फैली बर्फ भी तेजी के साथ पिघलनी शुरू हो चुकी है। विगत कुछ वर्षों में बारिश का कम होना, शरद ऋतु में काफी कम हिमपात होने के कारण तापमान बढ़ा है और हिमनदों की बर्फ पिघलने लगती है। इस वर्ष ओम पर्वत की बर्फ पिघलने से वहां उभरने वाला ओम गायब गायब हो है।
 
ओम पर्वत गायब होने का खुलासा उस समय हुआ, जब कुछ दिन पहले पिथौरागढ़ प्रवास के लिए उर्मिला सनवाल गुंज्याल अपने मूल गांव 'गुंजी' आई। इसी दौरान उर्मिला 16 अगस्त को ओम पर्वत के दर्शन के लिए पहुंचीं और कैमरे से फोटो लेने लगीं। तभी वह यह देखकर चौंक गईं कि ओम पर्वत पर बर्फ नदारद है, ओम गायब है। वह हतप्रभ रह गई, क्योंकि यहां तो वर्षभर बर्फ की चादर बिछी रहती है। अब यहां सिर्फ काला रंग नजर आ रहा है और ओम भी गायब है, जिसके चलते वह निराश होकर लौट आई। बर्फ विहीन ओम पर्वत के खुलासा होने पर प्रकृति प्रेमी, पर्यावरण संरक्षक और वैज्ञानिक चिंता में आ गए है।
 
माना जा रहा है कि सितंबर सन्  2016 में भी हिन्दू आस्था के प्रतीक ओम पर्वत से बर्फ गायब हो गई थी, उस समय पर्वत पर कुछ सफेद बर्फ के धब्बे नजर आ रहे थे। लेकिन अगस्त 2024 में यह ओम पर्वत बर्फ विहीन हो गया है। यह इतिहास में पहली बार हुआ है कि ओम पर्वत पर बर्फ से बनने वाली ओम की आकृति गायब हो गई है। 
ओम पर्वत को छोटा कैलाश पर्वत भी कह कर पुकारा जाता है।
 
स्कंद पुराण के मानस खंड में आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा को कैलाश मानसरोवर यात्रा के सामान रखा गया है। जिसके चलते ओम पर्वत की एक पहचान 'छोटा कैलाश' के रूप में भी हुई है। पर्यावरणविद् और वैज्ञानिक अब चिंता में है कि हिमालय पर्वत माला पर बढ़ते दबाव, अंधाधुंध उनका दोहन और मनुष्यों की आवाजाही को रोका नहीं गया तो हम सदा के लिए ओम पर्वत और ग्लेशियर को खो देंगे।
Edited by : Nrapendra Gupta