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Last Updated : सोमवार, 26 अगस्त 2024 (16:33 IST)

Mahadev Betting App Cases : छत्तीसगढ़ सरकार ने की CBI जांच की सिफारिश, अधिसूचना जारी

Mahadev Betting App Cases : छत्तीसगढ़ सरकार ने की CBI जांच की सिफारिश, अधिसूचना जारी - Recommendation of CBI investigation in Mahadev betting app case
रायपुर। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सोमवार को बताया कि राज्य की सरकार ने महादेव सट्टेबाजी ऐप (Mahadev betting app ) 'घोटाले' के संबंध में दर्ज मामलों को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया है। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह इस संबंध में सहमति देते हुए एक अधिसूचना जारी की थी।
 
शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि कथित महादेव घोटाले से संबंधित 70 मामले राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में और एक मामला आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज किया गया था। हमने इन सभी मामलों को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है और इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है।

 
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा (महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाला) केवल एक राज्य के बजाय कई राज्यों का मामला बन गया है। ऐसा कहा जाता है कि (कथित घोटाले के) कुछ 'किंगपिन' (सरगना) विदेश में रहते हैं। अब सीबीआई इस मामले की गंभीरता से जांच करेगी।
 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में कोई ढील नहीं दी जाएगी और सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। मुझे विश्वास है कि जो लोग विदेश में हैं उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई की जाएगी। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के गृह विभाग ने इस संबंध में 22 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की थी।
 
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पिछले एक साल से भी अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन मामलों की जांच कर रहा है, जो राज्य में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए थे। राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद, ईओडब्ल्यू ने ईडी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर मार्च में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

 
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल, ऐप के प्रमोटर रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य को ईओडब्ल्यू की प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है। बघेल ने प्राथमिकी को राजनीति से प्रेरित बताया था।
 
ईडी ने कहा है कि उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ नेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल, जो दुबई से फ़्रेंचाइज़िंग पैनल/शाखाओं के जरिए सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म का संचालन करते हैं, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ से हैं।

 
ऐसा दावा किया गया है कि यह ऐप एक अम्ब्रेला सिंडिकेट था जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता आईडी बनाने और 'बेनामी' बैंक खातों के माध्यम से धन शोधन करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की व्यवस्था करता था। ईडी ने अब तक इस मामले में कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि अपराध की अनुमानित आय लगभग 6 हजार करोड़ रुपए है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta