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Last Updated : शनिवार, 6 दिसंबर 2025 (14:30 IST)

डीपफेक पर लगेगी लगाम, लोकसभा में रेगुलेशन बिल पेश, जानिए क्‍या है खतरा और क्‍या होगा फायदा?

Deep Fake
पिछले कई दिनों से डीपफेक चर्चा में है। इसके इस्‍तेमाल से आम लोगों से लेकर सेलेब्रेटी तक की निजता खतरे में आ गई है। पिछले दिनों कई सेलिब्रिटीज ने डीपफेक को लेकर सवाल उठाए थे। बॉलीवुड और साउथ की एक्ट्रेस रश्मिका मंधाना से लेकर सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर की डीपफेक तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।
पीएम मोदी भी इसे लेकर चिंता व्‍यक्‍त कर चुके हैं। अब डीपफेक पर लगाम लगाने के लिए लोकसभा में रेगुलेशन बिल पेश किया गया है। इस बिल का मकसद लोगों के चेहरे का इस्तेमाल एआई जेनरेटेड कंटेंट में रोकने के लिए है।

लोकसभा में डीपफेक रेगुलेशन बिल : डीपफेक और एआई जेनरेटेड कंटेंट पर लगाम लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसे लेकर प्राइवेट मेंबर बिल लोकसभा में पेश किया गया है। शिवसेना के सांसद श्रीकांत शिंदे ने इस बिल को लोकसभा में टेबल किया है। इस बिल का मकसद लोगों के चेहरे का गलत तरीके से इस्तेमाल को रोकना है ताकि उनकी साख खराब न हो। इस बिल में कहा गया है कि ऐसे किसी भी एआई जेनरेटेड कंटेंट को इंटरनेट पर डालने से पहले उस व्यक्ति की अनुमति लेनी जरूरी होगी।

डीपफेक का दुरुपयोग बढ़ा : लोकसभा के शीतकालीन सत्र में इस बिल को टेबल करते हुए शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, 'उत्पीड़न, धोखे और गलत सूचना के लिए डीपफेक का दुरुपयोग बढ़ गया है, जिससे नियामक सुरक्षा उपायों की तत्काल आवश्यकता पैदा हो गई है।' इस बिल में एआई जेनरेटेड कंटेंट के गलत इस्तेमाल को लेकर सजा का भी प्रावधान रखा गया है।

कानूनी दायरे में होगा डीपफेक कंटेंट : इस बिल के संसद से पारित होने के बाद भारत में डीपफेक को लेकर जरूरी कानून बन जाएगा और इसके दुरुपयोग पर कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी। पिछले दिनों कई सेलिब्रिटीज ने डीपफेक को लेकर सवाल उठाए थे। बॉलीवुड और साउथ की एक्ट्रेस रश्मिका मंधाना से लेकर सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर की डीपफेक तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसका काफी विरोध हुआ था।

क्‍या होगा बिल का फायदा : इस रेगुलेशन बिल का मकसत नागरिकों के हितों की रक्षा करना है। उनकी मर्जी के बिना कोई भी उनके चेहरे का इस्तेमाल एआई जेनरेटेड कंटेंट के लिए नहीं कर पाएंगे। साथ ही, इस बिल में लोगों की निजता की रक्षा करने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का भी प्रावधान किया गया है। इसमें पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी आवश्यक होगी, ताकि इस तरह के डीपफेक तस्वीरों, वीडियो आदि की जांच की जा सके। इस बिल में डीपफेक से दुष्प्रभाव को हाईलाइट करते हुए कानूनी फ्रेमवर्क बनाने पर फोकस किया गया है।
Edited By: Navin Rangiyal
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