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Written By सुरेश डुग्गर
Last Modified: श्रीनगर , शनिवार, 30 जुलाई 2016 (18:51 IST)

बुरहान की मौत के बाद 22वें दिन भी सुलगती रही घाटी

बुरहान की मौत के बाद 22वें दिन भी सुलगती रही घाटी - Kashmir violence
श्रीनगर। आतंकी कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद शनिवार को लगातार 22वें दिन भी कश्मीर वादी सुलगती रही। बंद, हड़ताल, कर्फ्यू और हिंसक प्रदर्शनों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। उधर आग में घी डालने का काम करते हुए ‘चाचा हड़ताली’ के नाम से जाने जाने वाले अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी ने अब नया आरोप लगाया है कि सरकारी एजेंट अमरनाथ यात्रा में खुद खलल डाल रहे हैं।
 
श्रीनगर, अनंतनाग और पाम्पोर के कुछ हिस्सों को छोड़कर आज कश्मीर घाटी से कर्फ्यू हटा लिया गया। हालांकि अलगाववादी समर्थित हड़ताल के कारण यहां जनजीवन अब भी अस्त-व्यस्त है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घाटी के ज्यादातर हिस्सों से कर्फ्यू हटा लिया गया है लेकिन पूरे कश्मीर में चार या अधिक लोगों के जमावड़े पर अभी भी प्रतिबंध है। उन्होंने बताया कि फिलहाल अनंतनाग, पाम्पोर और श्रीनगर के पांच थाना क्षेत्रों- नौहट्टा, खानयार, रैनावाड़ी, सफाकदल और महाराजगंज में कर्फ्यू जारी है।
 
अलगावादियों ने ऐतिहासिक जामा मस्जिद तक रैली निकालने का आह्वान किया था, जिसे नाकाम करने के लिए प्रशासन को शुक्रवार को पूरे कश्मीर में कर्फ्यू लगाना पड़ा था और प्रतिबंध लागू करने पड़े थे। पूरी घाटी में कम से कम 70 स्थानों पर हुई झड़पों में सुरक्षा बलों के 46 जवानों समेत सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
 
इस बीच शुक्रवार रात हुई एक दुर्घटना में एक मोटरसाइकिल सवार की मौत हो गई। पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि अब्दुल अहद गनई नाम का व्यक्ति अपने बेटे के साथ बड़गांव जिले के बीरवाह इलाके के हर्दपुंजू में मोटरसाइकल पर जा रहा था तभी यातायात रोकने के लिए सड़क पर बिछाए गए तार में उलझ गया। 
 
प्रवक्ता ने बताया कि ये अवरोधक असामाजिक तत्वों ने लगाए थे। पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर अब भी पाबंदी लगी हुई है लेकिन सभी नेटवर्कों की पोस्टपेड सेवा बहाल कर दी गई है। प्रीपेड कनेक्शनों पर इनकमिंग सुविधा उपलब्ध है, लेकिन घाटी के बाहर के नंबरों पर आउटगोइंग सेवा बंद है। अलगाववादी समर्थित हड़ताल के कारण लगातार 22वें दिन घाटी में जनजीवन ठप रहा। यह हड़ताल 31 जुलाई तक जारी रहेगी।
 
इस बीच कश्मीर के वरिष्ठ अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी ने अमरनाथ यात्रा के लिए आए भक्तों और पर्यटकों पर घाटी में हुए हमलों की निंदा की। गिलानी ने लोगों से अपील करते हुए उन्हें कश्मीरी आवाम के संघर्षों को बदनाम करने वाले तत्वों से सावधान रहने को कहा।
 
इन हमलों की निंदा करते हुए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और तहरीक-ए-हुर्रियत ने एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया है कि जनता के बीच गलतफहमी पैदा करने वाले ऐसे तत्वों से गिलानी और उनकी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। इसमें कहा गया है कि कुछ शरारती तत्व बाइकों और स्कूटरों पर बैठकर आते हैं और लोगों के बीच पर्चे बांटकर उन्हें अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों का विरोध करने के लिए उकसाते हैं। 
 
बयान में कहा गया है, काब पहने कुछ लोग बिना नंबर प्लेट की बाइकों और स्कूटरों पर बैठकर अनंतनाग जिले में घूम रहे हैं। वे लोगों के बीच तहरीक-ए-हुर्रियत के नाम से छपे पर्चे और पोस्टर बांट रहे हैं। इन पर्चों में अमरनाथ यात्रियों का विरोध करने को कहा गया है। 
 
बयान के मुताबिक, गिलानी ने इसे सरकार और भारतीय एजेंसियों की साजिश बताते हुए कड़े शब्दों में इन कोशिशों की निंदा की है। गिलानी की ओर से जारी इस बयान में कहा गया है कि ना तो हम यात्रियों के खिलाफ हैं, ना किसी पर्यटक या भारतीय लोगों के खिलाफ ही हैं। हम चाहते हैं कि ये लोग यहां आकर खुद हमारी आजादी की लड़ाई के गवाह बनें और वापस लौटकर अपनी सरकार को बताएं कि वे कश्मीर में एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं।
 
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