अलगाववादियों के आह्वान के बाद पुन: सरकारी पाबंदियां लागू, दी जा रही ढील वापस ली
जम्मू। हुर्रियती नेताओं द्वारा 'यूएनओ ऑफिस चलो' के आह्वान के पोस्टर चिपकाए जाने का परिणाम था कि कश्मीर में सरकारी पाबंदियां लागू कर देनी पड़ीं और इसने कश्मीरियों की उस आजादी को भी आज शु्क्रवार को छीन लिया, जो सरकार की ओर से टुकड़ों में दी जा रही थी। दरअसल, पिछले 5 दिनों से दी जा रही ढील को वापस ले लिया गया।
आज शु्क्रवार को श्रीनगर में एक बार फिर पाबंदियां लगा दी गईं। अलगाववादियों ने शहर में पोस्टर लगाकर आह्वान किया था कि घाटी के लोग वहां स्थित संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षक समूह के कार्यालय तक मार्च निकालें। अधिकारियों के मुताबिक इन पोस्टरों के लगने के बाद श्रीनगर में लगी पाबंदियों में दी गई ढील आज वापस ले ली गई है।
श्रीनगर के कुछ स्थानों पर ऐसे पोस्टर नजर आए जिनमें ज्वॉइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) समूह की ओर से लोगों से संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षक समूह के स्थानीय कार्यालय तक मार्च करने का आह्वान किया गया है। यह आह्वान जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के विरोध में किया गया है।
अलगाववादियों का दावा है कि आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त किया जाना इस मुस्लिम बहुल राज्य की जनसांख्यिकी में बदलाव की कोशिश है। अधिकारियों ने बताया कि लोगों को लाल चौक और सोनावर जाने से रोकने के लिए शहर में कई जगह अवरोधक और कंटीले तार लगाए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र का कार्यालय यहीं है।
इससे पहले कश्मीर के कई इलाकों में बैरिकेड्स हटा लिए गए थे। वहां लोगों और वाहनों की आवाजाही बढ़ गई थी, हालांकि बाजार और मोबाइल व इंटरनेट सेवाएं 19 दिनों के बाद भी बंद रहे। इसी दौरान शहर के कुछ इलाकों में अलगाववादी संगठन जेएलआर के पोस्टर दिखाए दिए।
इनमें लोगों से अपील की गई कि वे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह के कार्यालय तक मार्च निकालें। अलगाववादियों ने आरोप लगाया कि राज्य में मुस्लिम जनसंख्या को बदलने के लिए केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाया है।
पिछले सप्ताह कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में पाबंदियों में ढील दी गई थी। सड़क पर लगे अवरोधकों को हटाने से शहर में लोगों तथा वाहनों की आवाजाही में तेजी आई थी। बहरहाल, यहां के बाजार, मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं 19वें दिन भी बंद रहीं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।