डॉक्टर ने 400 ग्राम की नवजात को बचाया
जयपुर। डॉक्टर सचमुच मसीहा होते हैं इस बात को उदयपुर के एक डॉक्टर ने महज 400 ग्राम की नवजात बच्ची को जीवनदान दे कर साबित कर दिखाया है।
इस बच्ची का जन्म के समय वजन मात्र 400 ग्राम था। आप सोच सकते हैं ऐसे बच्चे की क्या हालत रही होगी? पर एक डॉक्टर के कमाल ने इस बात को साबित कर दिया कि क्यों लोग चिकित्सकों को भगवान मानते हैं। उस डॉक्टर ने इस नन्ही सी जान को बचाने के लिए 7 महीने तक जी जान लगा दिया और अब बच्ची अपनी मुस्कान से उस डॉक्टर को शुक्रिया अदा करती नजर आ रही है।
राजस्थान के उदयपुर में एक डॉक्टर सुनील जांगिड़ ने दक्षिण एशिया में अब तक के सबसे छोटे और सबसे कम वजन वाले बच्चे की जिंदगी को बचा कर ना सिर्फ एक रिकॉर्ड बना दिया है, बल्कि लाखों लोगों के दिलों को छू लिया है। यहां के एक निजी हॉस्पिटल में पिछले साल एक बच्ची का जन्म हुआ था।
जन्म के समय उस बच्ची की लंबाई सिर्फ 22 सेंटीमीटर और उसका वजन मात्र 400 ग्राम था। तब बच्ची ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी और उसका शरीर नीला पड़ता जा रहा था। बच्ची के मां बाप सहित सभी लोग यह मानकर चल रहे थे कि वह जिंदा नहीं बच पाएगी।
तब हॉस्पिटल के डायरेक्टर सुनील जांगिड और उनके सहयोगी ने इस बच्ची की जिंदगी बचाने की नामुमकिन चुनौती को स्वीकार किया। बच्ची को इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया। शुरुआत में ही शरीर से पानी का वाष्पीकरण होने के कारण उसका वजन और कम हो गया। कमजोर शरीर और प्रीमेच्योर होने के कारण उसकी आंतें और पेट दूध पचाने लायक भी नहीं थे।
तब इस स्थिति में उस बच्ची को ग्लूकोज, सभी तरह के प्रोटीन आदि उसकी नसों में डालकर ही शरीर में पहुंचाए गए। करीब 7 महीनों लंबे इस अथक प्रयास के बाद आज इस बच्ची का वजन करीब ढाई किलो हो गया है और वह पूरी तरह से स्वस्थ है।