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Last Updated : सोमवार, 29 जुलाई 2024 (16:20 IST)

रूसी सेना की ओर से यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए भेजे गए हरियाणा के व्यक्ति की मौत

रूसी सेना की ओर से यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए भेजे गए हरियाणा के व्यक्ति की मौत - Haryana man sent to fight against Ukraine dies
Russia Ukraine War: हरियाणा (Haryana man) के 22 वर्षीय एक युवक की मौत हो गई जिसे रूसी सेना (Russian army) ने यूक्रेनी (Ukraine) सेना के खिलाफ लड़ने के लिए अग्रिम मोर्चे पर भेजा था। युवक के परिवार ने चंडीगढ़ में सोमवार को यह दावा किया। युवक के भाई अजय मौन ने बताया कि मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने रवि मौन की मौत की पुष्टि की है। रवि हरियाणा के कैथल जिले के मटौर गांव के निवासी थे।
 
अजय ने दावा किया कि रवि 13 जनवरी को परिवहन संबंधी नौकरी के लिए रूस गए थे, लेकिन उन्हें सेना में भर्ती कर लिया गया। अजय ने अपने भाई के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए दूतावास को 21 जुलाई को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि दूतावास ने हमें बताया कि उनकी मौत हो गई है। परिवार ने कहा कि दूतावास ने शव की पहचान के लिए उनसे डीएनए परीक्षण रिपोर्ट भेजने के लिए भी कहा।

 
अजय ने कहा कि रवि 13 जनवरी को रूस गए थे। एक एजेंट ने उन्हें परिवहन संबंधी नौकरी के लिए रूस भेजा था लेकिन उन्हें रूसी सेना में शामिल कर लिया गया। रूस ने उसकी सेना में शामिल भारतीय नागरिकों को नौकरी से शीघ्र मुक्त करने और उनकी वापसी सुनिश्चित करने की भारत की मांग मानने पर कुछ ही दिन पहले सहमति जताई थी।
 
अजय मौन ने आरोप लगाया कि रूसी सेना ने उनके भाई से कहा था कि वह यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ने के लिए अग्रिम मोर्चे पर जाएं या फिर 10 साल जेल की सजा भुगतें। उन्होंने कहा कि रवि को खाई खोदने का प्रशिक्षण दिया गया था और बाद में उन्हें अग्रिम मोर्चे पर भेज दिया गया।

 
अजय ने कहा कि हम 12 मार्च तक उनके संपर्क में थे और वह बहुत परेशान थे। अजय मौन के पत्र पर भारतीय दूतावास ने जवाब दिया, दूतावास ने संबंधित रूसी प्राधिकारियों से उनकी मृत्यु की पुष्टि करने और उनके पार्थिव शरीर को भेजे जाने का अनुरोध किया है।
 
उसने कहा कि रूसी पक्ष ने उनकी मौत की पुष्टि की है। हालांकि, शव की पहचान के लिए उन्हें उनके करीबी रिश्तेदारों के डीएनए की जांच करने की आवश्यकता है। अजय मौन ने अपने भाई के शव को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी अनुरोध किया।

 
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमारे पास उनके शव को वापस लाने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। उन्होंने कहा कि परिवार ने एक एकड़ जमीन बेचकर उन्हें रूस भेजने के लिए 11.50 लाख रुपए खर्च किए। रूस ने अपनी सेना में सहायक कर्मियों के रूप में भारतीयों की भर्ती बंद करने और बल में कार्यरत भारतीयों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने की भारत की मांग मानने पर इस महीने की शुरुआत में सहमति जताई थी। रूसी पक्ष ने सभी भारतीय नागरिकों को रूसी सेना से जल्द सेवामुक्त करने का वादा किया था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta