गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Harish Rawat said, I will fully fulfill my responsibility
Written By
Last Modified: रविवार, 17 जनवरी 2021 (14:34 IST)

चेहरा घोषित नहीं किया तो भाजपा पड़ सकती है भारी, जिम्मेदारी मिली तो पूरी तरह निभाऊंगा : हरीश रावत

चेहरा घोषित नहीं किया तो भाजपा पड़ सकती है भारी, जिम्मेदारी मिली तो पूरी तरह निभाऊंगा : हरीश रावत - Harish Rawat said, I will fully fulfill my responsibility
नई दिल्ली। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने राज्य में पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की जरूरत पर फिर से जोर देते हुए रविवार को कहा कि अगर पार्टी उन्हें यह जिम्मेदारी देती है तो इसे पूरी तरह निभाएंगे, लेकिन किसी दूसरे का चयन करती है तो भी वह उसका पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया तो भाजपा अपने संगठन और धनबल की बदौलत आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है।

पिछले दिनों 72 वर्षीय रावत ने सार्वजनिक रूप से यह टिप्पणी की थी कि पार्टी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करना चाहिए। इसके बाद वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ नेताओं के निशाने पर आ गए। इसे कांग्रेस में गुटबाजी के तौर पर भी देखा जा रहा है। उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है।

कांग्रेस महासचिव रावत ने कहा, पार्टी के सामने चुनाव में कोई असमंजस नहीं होना चाहिए और जनता के सामने यह स्पष्ट होना चाहिए कि कौन चेहरा है। कांग्रेस के लिए यह जरूरी है क्योंकि भाजपा हर चुनाव को ‘मोदी बनाम कांग्रेस के स्थानीय नेता’ बना देती है। चुनाव को स्थानीय मुद्दों पर लाने के लिए चेहरे की जरूरत है।

उन्होंने कहा, अमरिंदर सिंह को पंजाब में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया तो हमें फायदा हुआ। हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम आगे किया तो हारा हुआ लग रहे चुनाव में हम बराबर की लड़ाई में आ गए। शीला दीक्षित को आगे किया तो दिल्ली में लोकसभा चुनाव में हम नंबर दो पर रहे। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि चेहरा होने से असमंजस नहीं रहेगा जिसका हमें फायदा होगा।\

रावत के मुताबिक, पहले कांग्रेस में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की परंपरा थी, लेकिन फिर इसमें बदलाव कर दिया गया। अब हालात बदल रहे हैं तो इस परंपरा को बदलना चाहिए। चेहरा जल्द घोषित करना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या वह मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, मेरी दावेदारी का सवाल नहीं है। अगर किसी और नाम को भी घोषित करते हैं तो मैं साथ खड़ा हूं।

लेकिन मैं राजनीति में हूं और किसी जिम्मेदारी से इनकार कैसे कर सकता हूं।इस सवाल पर कि जिम्मेदारी मिलने की स्थिति में उनका क्या रुख होगा तो पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, मैं इसे पूरी तरह निभाऊंगा।अपने अलावा अन्य नामों के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (प्रीतम सिंह) का स्वाभाविक नाम है, विधायक की दल की नेता (इंदिरा हृदयेश) का स्वाभाविक नाम है। कई दूसरे नेता भी हैं। पार्टी इनमें से किसी को भी घोषित करती है तो मैं उसका पूरा सहयोग करूंगा।

पार्टी के ही कुछ नेताओं के हमले से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, यह कहना है कि हरीश रावत अपना नाम आगे बढ़ाने के लिए ऐसा कह रहे हैं तो इसका मतलब यह कि वो मान रहे हैं कि हरीश रावत के अलावा कोई दूसरा चेहरा नहीं है।

मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सार्वजनिक बयान की जरूरत क्यों पड़ी, इस पर रावत ने कहा, पहले यह चीज सार्वजनिक रूप से कही गई कि उत्तराखंड में संयुक्त नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा, इसलिए मैंने सार्वजनिक रूप से कहा कि चेहरा घोषित करना चाहिए।

उत्तराखंड में कांग्रेस की जमीनी स्थिति के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव ने कहा, हमारी इससे बेहतर स्थिति 2017 में थी, लेकिन उस समय मोदी और हिंदुत्व के माहौल में हम गच्चा खा गए। कांग्रेस के वोट प्रतिशित में कमी नहीं आई, लेकिन उनके दूसरे वोटर बढ़ गए। इसीलिए हम चाहते हैं कि इस बार बहस स्थानीय मुद्दों पर हो। उन्होंने कहा, चेहरा घोषित नहीं होने की स्थिति में मेरा मानना है कि यदि प्रचंड हवा नहीं चली तो भाजपा अपनी संगठनामक श्रेष्ठता और धनबल की श्रेष्ठता के आधार पर हम पर भारी पड़ सकती है।

हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा और सतपाल महाराज जैसे नेताओं की कांग्रेस में वापसी की संभावना पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, अगर भाजपा टूट रही हो तो मैं इन लोगों के आने का स्वागत करूंगा। लेकिन अगर दो-चार लोग आ रहे हैं तो फिर उनकी क्या जरूरत? वो दलबदलू हैं। इनकी उपयोगिता तब है जब भाजपा में विभाजन हो रहा हो। अगर ये अकेले आएंगे तो इनसे कोई फायदा नहीं होगा।(भाषा)
 
ये भी पढ़ें
Weather Alert : दिल्ली में बढ़ी ठंड, 5.7 डिग्री तक पहुंचा न्यूनतम तापमान