सीकर। राजस्थान के सीकर शहर में शनिवार को एक गैंगस्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोलीबारी में एक अन्य आम नागरिक भी मारा गया, जो उस इलाके में अध्ययनरत अपनी बेटी से मिलने आया था। पुलिस ने घटना में शामिल 5 लोगों को पकड़ने के लिए पूरे राज्य में नाकाबंदी कर दी और पंजाब एवं हरियाणा से लगती सीमाओं को सील कर दिया है।
सीकर के पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि गैंगस्टर राजू ठेहट की शनिवार को उसके घर के मुख्य दरवाजे पर ही पांच लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। ठेहट जून 2017 में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का प्रतिद्वंद्वी था।
पुलिस अधिकारी के अनुसार घटना सुबह 10.15 बजे सीकर के उद्योग विहार थाने के पिपराली रोड की है, जहां पांच हमलावरों ने ठेहट पर गोलियां चलाईं। ठेहट के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह फिलहाल जमानत पर था।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वहां मौजूद ताराचंद नामक एक व्यक्ति को भी गोली लगी और उसकी मौत हो गई। ताराचंद की बेटी पिपराली रोड स्थित एक कोचिंग संस्थान में पढ़ती है और वह उससे मिलने वहां पहुंचा था लेकिन हमलावरों ने उसे भी ठेहट का साथी समझते हुए गोली मार दी।
राज्य के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि राजू ठेहट हत्याकांड में शामिल पांच संदिग्धों में से 4 की पहचान कर ली गई है। एक बयान में उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में नाकाबंदी की गई है। सीकर में स्थिति शांतिपूर्ण है। स्थिति पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है।
दिन दहाड़े हुई घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया जिसमें हमलावर ठेहट के घर के मुख्य दरवाजे पर खड़े नजर आ रहे हैं। हमलावर जब ठेहट के दरवाजे पर पहुंचे तभी एक ट्रैक्टर ट्रॉली भी घर के सामने पहुंच गई और वहां रुक गई। उसके रुकते ही हमलावरों ने ठेहट पर फायरिंग कर दी। वारदात में ट्रैक्टर चालक के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। एक अन्य फुटेज में हमलावर हाथों में हथियार लेकर भागते दिख रहे हैं।
वहीं बाद में झुंझुनू जिले में एक संदिग्ध कार देखी गई। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि तेज रफ्तार कार में सवार लोगों ने सड़क की मरम्मत का काम कर रहे कुछ मजदूरों पर दौड़ते वाहन से गोलियां चला दीं। पुलिस ने भी इलाके में तलाशी शुरू कर दी है।
उधर घटना के तुरंत बाद खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का बताने वाले रोहित गोदारा ने ठेहट की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए फेसबुक पर लिखा कि यह आनंदपाल सिंह और बलबीर बानूड़ा का बदला है। आनंदपाल गैंग के सदस्य बलबीर जुलाई 2014 में बीकानेर जेल में एक गैंगवार में मारा गया था।
बेटी से मिलने आया था ताराचंद : इस फेसबुक पोस्ट को बाद में हटा दिया गया। गोदारा एक कुख्यात अपराधी है और वह व उसके गिरोह के लोग बीकानेर संभाग में सक्रिय हैं। गोलीबारी में मारे गए ताराचंद की बेटी एक कोचिंग संस्थान में नीट परीक्षा की तैयारी कर रही थी। संस्थान ने छात्रा की फीस माफ करने की घोषणा की। संस्थान ने एक बयान में कहा कि अगर ताराचंद के परिवार का कोई अन्य सदस्य कोचिंग लेना चाहता है तो उसे मुफ्त कोचिंग दी जाएगी।
बाजार बंद करवाए : वहीं दिनदहाड़े हुई इस हत्या से सीकर में आक्रोश फैल गया, जहां ठेहट के समर्थकों ने बाजार बंद करवा दिए। उसके परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और स्थानीय लोग मुर्दाघर के बाहर इकट्ठे हो गए और शव को लेने से इनकार कर दिया तथा आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। घटना के विरोध में जाट संगठन तेजा सेना ने रविवार को सीकर बंद का आह्वान किया है।
वहीं, घटना के बाद राजस्थान पुलिस ने समूचे इलाके में नाकाबंदी करवा दी और हरियाणा एवं पंजाब से लगी सीमाओं को सील कर दिया गया। सीमाओं पर वाहनों की सघन जांच की जा रही है। इस घटना को लेकर राजस्थान पुलिस, हरियाणा और पंजाब पुलिस के भी संपर्क में है।
बीकानेर के पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश ने कहा कि जांच अभियान चलाया गया है और उस स्थान की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है जहां से फेसबुक पोस्ट अपलोड किया गया था। उन्होंने कहा कि गोदारा एक कुख्यात अपराधी है। गैंगस्टरों और अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान के दौरान उसके गिरोह के कई सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
अधिकारी ने बताया कि बीकानेर संभाग के अन्य जिलों बीकानेर, चुरू, हनुमानगढ़ व गंगानगर में पुलिस आने जाने वालों की निगरानी की जा रही है। सीकर की सीमा चूरू, झुंझुनू, नागौर व जयपुर जिले और हरियाणा राज्य से लगती है।
आनंदपाल गिरोह से पुरानी रंजिश : मारे गए राजू ठेहट के खिलाफ 30 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। आनंदपाल सिंह गिरोह से उसकी पुरानी रंजिश थी। ऐशो-आराम का जीवन जीने वाला राजू राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखता था। वह एक साल पहले जयपुर रहने लग गया और उसे मार्च में जमीन हड़पने और जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई की और दबाव बनाया तो वह सीकर जाकर रहने लगा। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala