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Last Modified: गुरुग्राम (हरियाणा) , शुक्रवार, 4 अगस्त 2023 (21:52 IST)

गुरुग्राम की जामा मस्जिद में नहीं हुई जुमे की नमाज

गुरुग्राम की जामा मस्जिद में नहीं हुई जुमे की नमाज - Friday prayers not held in Gurugram's Jama Masjid
Nuh Communal Violence Case : गुरुग्राम की जामा मस्जिद में जुमा की नमाज अदा नहीं की गई जबकि अन्य मस्जिदों में भी कम लोगों की उपस्थिति रही।जमीयत-ए-उलेमा और अन्य मुस्लिम संगठनों ने लोगों से घर पर ही नमाज अदा करने का आह्वान किया था।
 
पड़ोसी नूंह जिले में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा की आंच गुरुग्राम तक पहुंच गई थी, जिससे दो होम गार्ड और एक इमाम समेत छह लोगों की मौत हुई। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की शोभायात्रा पर सोमवार को भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद मुस्लिम बहुल नूंह समेत हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में हुई झड़पों में ये मौतें हुईं।
 
पुलिस ने कहा कि शहर में हिंसा की कोई ताजा घटना नहीं हुई है, लेकिन कई मुस्लिम संगठनों ने समुदाय के सदस्यों से घर पर नमाज अदा करने और निर्दिष्ट सार्वजनिक स्थानों पर इकट्ठा होने से बचने के लिए कहा है, जिसके परिणामस्वरूप मस्जिदों में उपस्थिति कम रही।
 
सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) वरुण दहिया ने कहा, जमीयत-ए-उलेमा और अन्य मुस्लिम संगठनों ने लोगों से घर पर ही नमाज अदा करने का आह्वान किया था। हिंसा के मद्देनजर शुक्रवार को यहां मस्जिदों और नमाज के लिए निर्दिष्ट खुले स्थानों के पास भारी पुलिस और केंद्रीय बल तैनात किए गए थे, लेकिन जामा मस्जिद और अंजुमन मस्जिद (जहां इमाम की हत्या हुई थी) बंद रखी गईं।
 
गुरुग्राम मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष हाजी शहजाद खान ने कहा, नूंह, सोहना और गुरुग्राम में हिंसा के बाद मुस्लिम समुदाय के करीब 70 फीसदी लोग गुरुग्राम से पलायन कर गए हैं। सराय अलावर्दी, चौमा, शीतला कॉलोनी, देवीलाल कॉलोनी में मस्जिदें और राजीव चौक के पास ईदगाह खुली थीं और कुछ ही लोग वहां नमाज अदा करने के लिए एकत्र हुए।
 
उन्होंने कहा, गुरुग्राम से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। हमने पहले ही लोगों से जुमा की नमाज घर और आसपास की मस्जिदों में अदा करने की अपील की थी। कुछ खुली जगहों पर मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्य नमाज अदा करने के लिए एकत्र हुए थे, लेकिन वहां पुलिस की तैनाती देखकर चले गए। पुलिस टीम ने कुछ संवेदनशील इलाकों में गश्त की और जामा मस्जिद के पास की दुकानें बंद रहीं।
 
एक निजी कंपनी में काम करने वाले सद्दाम हुसैन ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार की नमाज घर पर पढ़ी और बाहर नहीं निकले। उन्होंने कहा, शहर में शांति थी लेकिन मैं आज नमाज के लिए बाहर नहीं गया। पहले मैं गुरु द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशन के पास एक खुली जगह पर नमाज अदा करने जाता था।
 
जमीयत-ए-उलेमा की गुरुग्राम इकाई के अध्यक्ष मुफ्ती सलीम कासमी ने कहा कि मस्जिदों और खुले स्थानों पर शुक्रवार की नमाज नहीं अदा करने का निर्णय लिया गया और लोगों ने अपील पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा, भाईचारा बनाए रखने के लिए यह एक अच्छा संकेत है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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