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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : रविवार, 1 नवंबर 2020 (18:56 IST)

भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार 3 साल की बच्ची के किडनैपर को अनोखे अंदाज में पकड़ा (वीडियो)

भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार 3 साल की बच्ची के किडनैपर को अनोखे अंदाज में पकड़ा (वीडियो) - first time in Indian railway history, railway planning to catch Kidnapper was successful
भोपाल। भारतीय रेलवे (Indian Railways) में किए गए सुरक्षा इंतजामों के अच्छे परिणाम देखने को मिलने लगे हैं। रेलवे इतिहास में पहली बार किडनैपर (Kidnapper) को पकड़ने के लिए रेलवे ने अनोखी योजना बनाई और 3 साल की काव्या को अपहरण करने वाले बदमाश को भोपाल रेलवे स्टेशन पर पकड़ा। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने ट्‍विटर पर इसका वीडियो भी साझा किया है, जिससे पता चलता है कि रेलवे जान और माल की हिफाजत किसी तरह करता है।
 
क्या है पूरा मामला : दरअसल ललितपुर (उत्तर प्रदेश) से एक युवक ने 3 साल की काव्या का अपहरण किया था। वह बच्ची को गोद में उठाए राप्ति सागर एक्सप्रेस में सवार हो गया। जब इसकी खबर जीआरपी को लगी तो उसने CCTV फुटेज खंगाला, जिसमें बदमाश नजर आ रहा था। इस बदमाश की सूचना एक्सप्रेस ट्रेन में मौजूद जीआरपी जवानों को भी दे दी गई और उन्होंने पूरी ट्रेन को खंगाल डाला।
कैसी हुई प्लानिंग : जैसे ही जीआरपी को 3 साल की बच्ची के किडनैप की सूचना मिली, वह सक्रिय हो गई। बच्ची का अपहरण करने वाले युवक को पकड़ने के लिए भारतीय रेलवे ने पूरी प्लानिंग कुछ मिनटों में ही कर ली और बड़ा फैसला लेते हुए एक्सप्रेस ट्रेन को नॉन स्टाप चलाने का फैसला किया। 
 
260 किलोमीटर तक दौड़ती रही ट्रेन : रेलवे की योजना यह थी कि एक्सप्रेस ट्रेन को कहीं भी रोका नहीं जाए ताकि किसी स्टेशन पर अपहरणकर्ता उतर कर फरार नहीं हो सके। यह ट्रेन 260 किलोमीटर तक नॉन स्टॉप दौड़ती रही। भोपाल में इसे रोकने का फैसला किया लेकिन उसके पहले ही पुलिस की टीम को मुस्तैद रहने के निर्देश दे दिए गए थे।
भोपाल पहुंचते ही बच्ची को सुरक्षित चंगुल से छुड़ाया : जैसे ही एक्सप्रेस ट्रेन भोपाल पहुंची, वहां पहले से तैनात पुलिस टीम ने बदमाश के चंगुल से बच्ची को सुरक्षित छुड़ा लिया। भारतीय रेलवे के इतिहास में यह पहला मौका था, जब‍ किसी किडनैपर के लिए इस तरह की प्लानिंग की गई हो और वह सफल भी रही। 
यह बात अलग है कि नॉन स्टॉप ट्रेन चलाने से बीच के स्टेशनों पर उतरने वाले यात्रियों को असुविधा हुई होगी लेकिन जब उन्हें मालूम पड़ा कि यह सब कवायद एक 3 साल की बच्ची को बचाने के लिए थी तो उनका सारा गुस्सा काफुर हो गया।