मंत्री ने कहा- जा कर ले सुसाइड, और फंदे पर झूल गया किसान
मंत्री और नेता जनता की समस्याओं को लेकर कितने संवेदनशील हैं, इसका एक मामला सामने आया है। मोदी सरकार के एक मंत्री के विवादस्पद बयान के बाद कर्ज के बोझ तले एक धरतीपुत्र ने मौत को गले लगा लिया। मामला राजस्थान के टोंक जिले का है। किसान द्वारा आत्महत्या के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को किसान की मौत के लिए जिम्मेदार बताया है।
मंत्री ने कहा, कर ले सुसाइड : खबरों के मुताबिक सोमवार को मोदी सरकार के कृषि राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान टोंक आए हुए थे और उन्होंने एक किसान को कह डाला था जा कर ले सुसाइड। इसके अगले ही दिन इसी जिले के पीपलू उपखंड के बीजवाड़ गांव में सिर तक कर्ज में डूबे एक अन्य किसान परमेश्वर गुर्जर ने फसल खराब के बाद तनाव में आकर फांसी लगा आत्महत्या कर ली। 45 वर्षीय परमेश्वर गुर्जर फसल खराब होने और कर्ज के बोझ के कारण परेशान था। सोमवार की रात अपने खेत में बने कुए में लगे पाइप पर धोती से फांसी लगा उसने आत्महत्या कर ली।
10 लाख के मुआवजे की मांग : इस मामले को लेकर कांग्रेस ने कलेक्टर ऑफिस पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर डॉ. रेखा गुप्ता को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष रामविलास चौधरी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए। कांग्रेसी अपने साथ मृतक किसान परमेश्वर गुर्जर के बीजवाड़ स्थित मोयले से नष्ट हुई फसल का नमूना भी साथ लाए।
किसान की खुदकुशी के पीछ भी सरकार को दोषी बताते हुए कांग्रेस ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है। कांग्रेस ने इस मामले में पांच दिन में मांगे नहीं माने जाने पर जिलास्तरीय आंदोलन की चेतावनी भी दी। (एजेंसियां)