मध्यप्रदेश में यूनिवर्सिटी के फाइनल ईयर के होंगे एग्जाम, CM शिवराज ने प्रक्रिया 2 दिन में तय करने के दिए निर्देश
तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं होंगी ऑनलाइन
भोपाल। कोरोना काल में मध्यप्रदेश में यूजीसी के निर्देश के बाद अब यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा कराने की तैयारी की जा रही है, इसको लेकर मुख्यमंत्री ने यूजीसी के नए निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में बैठक ली। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं में स्नातक में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर परीक्षाओं में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं करवाने का निर्णय पूर्व में लिया गया है।
तद्नुसार गत परीक्षाओं के अंकों के आधार पर अंतिम वर्ष/सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा। यूजीसी के नवीन निर्देशों के अनुसार अंतिम वर्ष/सेमेस्टर की परीक्षाएं करवाई जाएंगी। तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित होंगी। अन्य सभी महाविद्यालयों में ऑफलाइन परीक्षाएं करवाने के संबंध में दो दिन में प्रक्रिया निर्धारित कर संबंधित विभाग प्रस्तुत करे।
30 सितंबर तक ली जानी हैं अंतिम वर्ष की परीक्षाएं : बैठक में प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने बताया कि यूजीसी के नवीन निर्देशों के अनुसार अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक ली जानी है। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाना है। अंतिम वर्ष/सेमिस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन/ऑफलाइन या मिश्रित तरीके से की जा सकती हैं।
तकनीकी शिक्षा में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं होंगी ऑनलाइन : बैठक में तकनीकी शिक्षामंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों में ऑनलाइन आधार पर परीक्षाएं ली जाएंगी। पहले भी आरजीपीवी विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। आरजीपीवी के कुलपति ने बताया कि तकनीकी शिक्षा अंतिम वर्ष में चार प्रश्न पत्र होने हैं। विश्वविद्यालय के अंतर्गत अंतिम वर्ष में परीक्षा देने वाले लगभग 35 हजार विद्यार्थी हैं।
10 दिन में हो जाएगी प्रक्रिया निर्धारित : बैठक में उच्च शिक्षामंत्री मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश के महाविद्यालयों में लगभग 6 लाख विद्यार्थी हैं। इनकी ऑफलाइन परीक्षाएं लिए जाने के लिए प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना संकट के चलते परीक्षा इस प्रकार ली जाए कि कोरोना संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं रहे। इसके लिए दो दिन में प्रक्रिया निर्धारित कर प्रस्तुत की जाए। तद्नुसार निर्णय लिया जाएगा।