Uttarakhand : धामी सरकार ने विधायकों को दिया बड़ा तोहफा, भत्तों में की बढ़ोतरी, कैशलैस इलाज वाले विधेयक को दी मंजूरी
Big announcement of the government regarding MLAs in Uttarakhand : उत्तराखंड विधानसभा ने शुक्रवार को विधायकों के विभिन्न भत्तों में बढ़ोतरी करने और उन्हें कैशलैस इलाज की सुविधा देने का प्रावधान करने वाले विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी। कांग्रेस सदस्यों की अनुपस्थिति में पारित हुए उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध (संशोधन) विधेयक-2024 को मंजूरी मिलने के बाद एक अप्रैल 2022 से लागू माना जाएगा।
विधेयक के पारित होने के बाद प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि भत्तों में बढ़ोतरी को लेकर विधायकों की लंबे समय से अपेक्षा थी। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए एक समिति गठित की गई थी और उसी समिति की कुछ संस्तुतियों को स्वीकार करते हुए यह विधेयक लाया गया है।
अग्रवाल ने कहा कि विधेयक के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अब विधायकों को भी राज्य कर्मचारियों की भांति गोल्डन कार्ड दिया जाएगा जिसके माध्यम से उन्हें कैशलैस उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बड़े चिकित्सालय तथा दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), फोर्टिस एवं राजीव गांधी कैंसर इंस्टीटयूर एंड रिसर्च सेंटर जैसे संस्थानों में कैशलैस इलाज की सुविधा मिलेगी या वहां हुए चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
विधेयक के तहत, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के द्वारा रेफर किए जाने पर विधायकों को विदेश में भी चिकित्सा सुविधा अनुमन्य होगी। अग्रवाल ने कहा कि इसी प्रकार विधायकों को वाहन चालक की तनख्वाह के लिए मिल रहे 12,000 रुपए प्रतिमाह भत्ते को बढ़ाकर 20,000 रुपए प्रतिमाह कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विधायकों को रेलवे कूपन की स्वीकृत धनराशि में से तीस हजार रुपए नकद दिए जाएंगे। अग्रवाल ने कहा कि टेलीफोन के लिए विधायकों को मिलने वाली दो हजार रुपए प्रतिमाह की सीमा को भी बढ़ाया गया है। इस बीच, कांग्रेस के विधायकों ने विधेयक को उनकी अनुपस्थिति में पारित किए जाने पर नाराजगी जताई।
पिथौरागढ़ के धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने कहा कि विधेयक उनकी गैर मौजूदगी में पारित हुआ है इसलिए उसके प्रावधानों की जानकारी नहीं है। हाल में बद्रीनाथ से चुने गए कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने की जानकारी है लेकिन इसमें क्या प्रावधान किए गए हैं, यह नहीं पता। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour