• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Assam's Dark Fantasy chocolate reaches Myanmar
Written By
Last Updated : शनिवार, 8 जनवरी 2022 (22:10 IST)

असम की 'डार्क फैंटेसी' चॉकलेट पहुंची म्‍यांमार, 2 महीने में की 2000 KM की यात्रा

असम की 'डार्क फैंटेसी' चॉकलेट पहुंची म्‍यांमार, 2 महीने में की 2000 KM की यात्रा - Assam's Dark Fantasy chocolate reaches Myanmar
गुवाहाटी। असम के मंगलदोई शहर में विनिर्मित 'डार्क फैंटेसी' चॉकलेट 2000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के बाद सिलीगुड़ी, कोलकाता, सिंगापुर, यांगून होते हुए अंतत: म्यांमार के शहर काले पहुंची। असम के अधिकारियों और विधायकों की एक टीम ने म्यांमार में काले का दौरा किया था। वहां एक छोटे से बाजार में उन्होंने मंगलदोई में बनी ‘डार्क फैंटेसी’ चॉकलेट देखी।

असम के उद्योग और वाणिज्य विभाग के आयुक्त केके द्विवेदी ने यहां चल रहे पूर्वोत्तर महोत्सव को संबोधित करते हुए शुक्रवार को यह जानकारी दी। ‘मेक इन नॉर्थईस्ट- डोनर डायलॉग’ में द्विवेदी ने इस क्षेत्र के कई पहलुओं को रेखांकित किया।

उन्होंने बताया कि नॉर्थईस्ट (पूर्वोत्तर) शब्द का सबसे पहली बार इस्तेमाल 1884 में बर्मा के तत्कालीन मुख्य आयुक्त अलेक्जेंडर मैकेंजी ने अपनी पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑफ द रिलेशंस ऑफ द गवर्नमेंट विद द हिल ट्राइब्स ऑफ द नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर ऑफ बंगाल’ में किया था।

डॉर्क फैंटेसी चॉकलेट की यात्रा पर उन्होंने कहा कि यह इस बात का एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि लागत दक्षता और समय की बचत के लिए उचित संपर्क या कनेक्टिविटी की जरूरत क्यों होती है।

उन्होंने बताया कि असम के अधिकारियों और विधायकों की एक टीम ने म्यांमार में काले का दौरा किया था। वहां एक छोटे से बाजार में उन्होंने मंगलदोई में बनी ‘डार्क फैंटेसी’ चॉकलेट देखी। इसके बारे में पूछताछ करने के बाद उन्होंने पाया कि यह चॉकलेट गुवाहाटी, सिलीगुड़ी, कोलकाता, सिंगापुर और यांगून से होते हुए काले शहर पहुंची थी।

उन्होंने कहा कि इस चॉकलेट को म्यांमार पहुंचने के लिए 2000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करनी पड़ी है। चॉकलेट की यह यात्रा करीब दो माह में पूरी हुई। यदि इसे मणिपुर के सीमा शहर मोरेह के रास्ते भेजा जाता, तो इसमें सिर्फ दो दिन का समय लगता। इस चॉकलेट का उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया कि कैसे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ाने के लिए कनेक्टिविटी नेटवर्क जरूरी हो जाता है।

पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी की अध्यक्षता में आयोजित डोनर डायलॉग में कई परिचर्चाएं आयोजित की गईं। इनके जरिए बताया गया कि क्यों पूर्वोत्तर क्षेत्र निवेश और स्टार्टअप इकाइयों के लिए एक अनुकूल गंतव्य है।(भाषा)
File photo
ये भी पढ़ें
खाटू श्यामजी में फूटा Corona बम, 35 लोग संक्रमित, राजस्थान में 4100 नए मामले