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Last Modified: मंगलवार, 25 मई 2021 (00:41 IST)

UP : बेसिक शिक्षामंत्री के भाई की EWS कोटे से नियुक्ति, कुलपति ने राज्यपाल को भेजी रिपोर्ट

UP : बेसिक शिक्षामंत्री के भाई की EWS कोटे से नियुक्ति, कुलपति ने राज्यपाल को भेजी रिपोर्ट - Appointment of basic education minister's brother from EWS quota
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई की सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में 'आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग' कोटे से सहायक प्रोफेसर के पद पर हुई नियुक्ति पर विवाद खड़ा होने के बाद कुलपति ने इस सिलसिले में अपनी रिपोर्ट सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजी।

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे ने बताया कि बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा से विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हुई है। इस पर विवाद के बाद सोमवार को उनकी नियुक्ति से संबंधित रिपोर्ट राज्यपाल को भेज दी गई है।

उन्होंने बताया कि नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी थी और साक्षात्कार की वीडियोग्राफी कराई गई थी। अरुण द्वारा प्रस्तुत किया गया ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र प्रशासन ने जारी किया है और अगर इसमें कोई अनियमितता पाई गई तो उनकी नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी।

कुलपति ने कहा कि नियुक्ति करते वक्त उन्हें यह नहीं मालूम था कि अरुण प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई हैं। उन्हें सोशल मीडिया के जरिए यह मालूम हुआ कि अरुण मंत्री के भाई हैं। उन्होंने बताया कि अरुण कुमार ने पिछले शुक्रवार को विश्वविद्यालय में अपना पदभार भी ग्रहण कर लिया है।

कुलपति का कहना है कि मनोविज्ञान विभाग के इस पद के लिए लगभग 150 आवेदन आए थे। मेरिट के आधार पर 10 आवेदकों का चयन किया गया जिनमें अरुण कुमार भी शामिल हैं। इन 10 का साक्षात्कार हुआ जिसमें अरुण का मेरिट में दूसरा स्थान रहा। साक्षात्कार, शैक्षणिक योग्यता तथा अन्य मदों के अंक जोड़ने पर अरुण पहले स्थान पर आ गए। इसलिए उनका चयन हुआ।
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। द्विवेदी ने शनिवार को सोनभद्र में कहा उनकी तथा उनके भाई की आमदनी में अंतर है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को चयन के लिए जो प्रक्रिया अपनानी थी उसमें किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है। फिर भी अगर किसी को कुछ गलत लगता है तो वह जांच के लिए तैयार हैं।
इस बीच, इटवा तहसील के उपजिलाधिकारी उत्कर्ष श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्री के भाई को ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र तहसील से ही जारी किया गया है और अगर कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच की जाएगी। लेखपाल छोटई प्रसाद ने बताया कि मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी ने वर्ष 2019 में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था।

बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई को गरीब कोटे से नियुक्ति दिए जाने के मामले पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मामले में मंत्री सतीश द्विवेदी की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।(भाषा)
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