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Last Modified: प्रयागराज , सोमवार, 20 नवंबर 2023 (22:45 IST)

Banke Bihari Mandir : बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर आया हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, UP सरकार की योजना को हरी झंडी

Banke Bihari Mandir  : बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर आया हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, UP सरकार की योजना को हरी झंडी - Allahabad High Court gives green signal to Banke Bihari Temple corridor
Banke Bihari Temple corridor : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court)  ने उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार को बांकेबिहारी मंदिर (Banke Bihari Mandir) के गलियारे के निर्माण को सोमवार को हरी झंडी दी और जनहित याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 31 जनवरी, 2024 की तिथि निर्धारित की। मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने आनंद शर्मा और मथुरा के एक अन्य व्यक्ति की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
 
इससे पूर्व, राज्य सरकार ने अदालत को मंदिर क्षेत्र को गलियारा के तौर पर विकसित करने की जानकारी दी थी। इसमें श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन पूजन की सुविधा के लिए मंदिर के आसपास करीब पांच एकड़ जमीन खरीद की बात भी शामिल है।
 
सरकार ने आश्वासन दिया है कि गोस्वामी परिवार द्वारा की जाने वाली पूजा -अर्चना या श्रृंगार में वह किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी और सेवायतों को जो भी अधिकार हैं, वे यथावत बने रहेंगे।
 
योजना में यह उल्लेख भी किया गया कि मंदिर के आसपास पांच एकड़ जमीन पर पार्किंग और अन्य सार्वजनिक सुविधाएं भी मुहैया करायी जाएंगी जिसका खर्च राज्य सरकारी उठाएगी।
 
पीठ ने संबद्ध पक्षों को सुनने के बाद कहा कि राज्य सरकार इस अदालत में पेश योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ आगे बढ़े। यह अदालत न्याय हित में इसे उचित और आवश्यक पाती है। हम यह राज्य सरकार पर छोड़ते हैं कि वह योजना क्रियान्वयन के लिए इस क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बाद जो उचित समझे, वह कदम उठाए।
 
मंदिर परिसर के आसपास अतिक्रमण के मुद्दे पर अदालत ने कहा कि राज्य सरकार मंदिर की तरफ जाने वाले मार्ग पर अतिक्रमण हटाने के लिए भी उचित कदम उठाने को स्वतंत्र है। राज्य सरकार से अपेक्षा है कि योजना लागू करने के बाद वह यह सुनिश्चित करे कि आगे कोई अतिक्रमण न हो।
 
गलियारा निर्माण के दौरान भक्तों को आने वाली समस्या के मुद्दे पर अदालत ने कहा कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि इस योजना के क्रियान्वयन को छोड़कर किसी भी तरह से दर्शन बाधित नहीं होगा और इस दौरान उचित वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। जिला प्रशासन को भी उक्त निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है और किसी भी तरह के उल्लंघन की सूचना इस अदालत को दी जाए।”
 
जनहित याचिका में कहा गया कि दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो जाती है और चोरी, लूट और संपत्ति के नुकसान के लिए ढेरों प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। भारी भीड़ की वजह से भक्तों की मृत्यु के मामलों का भी इस याचिका में जिक्र किया गया है।
 
याचिकाकर्ता के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन पर भीड़ को संभालने और मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर उचित गलियारा तैयार करने की जिम्मेदारी है जिससे श्रद्धालु श्री ठाकुर बांके बिहारीजी महाराज का सुगमता के साथ दर्शन-पूजन कर सकें। लेकिन प्रशासन इस काम में पूरी तरह विफल रहा। कई हादसों के बावजूद जिला प्रशासन या राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। एजेंसियां