नई पीढ़ी के लिए प्रभु श्रीराम का चरित्र, नैतिक मूल्य और उनकी शिक्षा भारतवासियों के लिए एक श्रेष्ठ आदर्श हैं।
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गुरु आगमनु सुनत रघुनाथा।
द्वार जाय पद नावउ माथा॥
सादर अरघ देइ घर आने।
सोरह भांति पूजि सनमाने॥
गहे चरन सिय सहित बहोरी।
बोले राम कमल कर जोरी।
नई पीढ़ी के लिए प्रभु श्रीराम का चरित्र, नैतिक मूल्य और उनकी शिक्षा भारतवासियों के लिए एक श्रेष्ठ आदर्श हैं।
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