आइए यहां जानते हैं अनूठी जानकारी....
1. प्रथम पूज्य का सम्मान: भगवान गणेश को सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूज्य माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत उनकी पूजा से होती है। इसलिए, जब बहन अपने भाई को राखी बांधने का पवित्र कार्य शुरू करती है, तो वह सबसे पहले भगवान गणेश को राखी अर्पित कर उनसे अनुमति और आशीर्वाद लेती है। यह दर्शाता है कि हमारे जीवन में गणेश जी का स्थान सबसे पहले है।
2. भाई के लिए मंगल कामना: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, यानी वे सभी बाधाओं और परेशानियों को दूर करने वाले हैं। जब बहन गणेश जी को राखी बांधती है, तो वह अपने भाई के जीवन से सभी विघ्नों को दूर करने की प्रार्थना करती है। यह बहन की अपने भाई के लिए सुरक्षा और कल्याण की कामना का एक प्रतीकात्मक तरीका है।
4. पारिवारिक रिश्ते का प्रतीक: शास्त्रों के अनुसार, गणेश जी ने अपने माता-पिता, शिव और पार्वती के चारों ओर परिक्रमा कर उन्हें ही अपना संसार माना था। उनका यह भाव पारिवारिक रिश्तों के महत्व को दर्शाता है। गणेश जी को राखी बांधकर हम अपने परिवार और भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता को और मजबूत करते हैं।
कैसे बांधें गणेश जी को राखी?
- रक्षाबंधन के दिन भाई को राखी बांधने से पहले, बहन एक थाली सजाती है।
- इस थाली में रोली, चावल, दीपक और एक राखी रखी जाती है।
- सबसे पहले, वह इसी थाली के साथ भगवान गणेश की पूजा करती है और उन्हें राखी अर्पित करती है। भोग चढ़ाती हैं।
- इसके बाद, वह भाई को राखी बांधने की रस्म शुरू करती है।
इस तरह, गणेश जी को राखी बांधना केवल एक प्रथा नहीं, बल्कि भाई की सुरक्षा और समृद्धि के लिए की गई एक गहरी प्रार्थना है, जो हमारे भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की नींव को और भी मजबूत बनाती है।
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