रक्षाबंधन पर लीजिए बेटी बचाने का संकल्प...
ऋषि गौतम
त्योहार हमारी संस्कृति की पहचान है और हर भारतवासी को इस त्योहार पर गर्व है। हमारे देश में जहां बहनों के लिए इस विशेष पर्व को मनाया जाता है वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो भाई की बहनों को गर्भ में ही मार देते हैं। आज कई भाइयों की कलाई पर राखी सिर्फ इसलिए नहीं बंध पाती क्योंकि उनकी बहनों को उनके माता-पिता इस दुनिया में आने से पहले ही मार देते हैं। यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि देश में कन्या-पूजन का विधान शास्त्रों में है। हिंदू धर्म में कन्या को बहुत बड़ा पद दिया गया है। कन्या को हम देवी मानते हैं। नवरात्र के मौके पर हम उसकी पूजा करते हैं। फिर भी देश के अलग-एलग जगहों पर कन्या-भ्रूण हत्या के मामले सामने आ रहे हैं। देश में दिन प्रतिदिन लड़के-लड़कियों का अनुपात कम होता जा रहा है। सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी कुछ राज्यों में तो इसकी स्थिति भयावह होती जा रही है।
रिश्ते ही हमारी पहचान हैं। जीवन की परिभाषा हम यहीं से सीखते हैं। ऐसा ही रिश्ता होता है भाई-बहन का। प्यार की डोर से बंधा ये मासूम रिश्ता जितना मजबूत होता है,उतना ही गहरा भी।