राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए नवाब मलिक, अनिल देशमुख को जमानत देने से अदालत का इनकार
मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख द्वारा दायर उन अर्जियों को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसमें दोनों ने शुक्रवार को होने वाले राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए एक दिन की जमानत का अनुरोध किया था।
देशमुख और मलिक, दोनों राकांपा के वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे विभिन्न धनशोधन मामलों के सिलसिले में जेल में बंद हैं। दोनों ने पिछले सप्ताह विशेष न्यायाधीश आरएन रोकडे के समक्ष अस्थाई जमानत के लिए अर्जी दायर की थी।
अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को मलिक और देशमुख को अस्थाई जमानत देने से इनकार कर दिया। ईडी ने उनकी याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत कैदियों को मतदान का अधिकार नहीं है।
देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 में धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने मलिक को इस साल 23 फरवरी को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।
महाराष्ट्र से राज्यसभा की छह सीट के लिए होने वाले चुनाव में शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार संजय पवार के निर्वाचन के लिए शिवसेना के नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के लिए हर वोट महत्वपूर्ण है। राकांपा एमवीए की एक घटक है।
दो दशक से अधिक समय बाद, राज्य में राज्यसभा चुनाव होगा क्योंकि छह सीट के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं। सत्तारूढ़ शिवसेना ने दो उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जबकि उसके सहयोगी दलों राकांपा और कांग्रेस ने एक-एक प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं, विपक्षी भाजपा ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं। छठी सीट के लिए मुकाबला भाजपा के धनंजय महादिक और शिवसेना के संजय पवार के बीच है।(भाषा)