Magh purnima ke upay:12 फरवरी को माघ मास की पूर्णिमा पर कुंभ का स्नान चल रहा है। इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुननें, सफेद चीजों का दान करने, पवित्र नदी में स्नान करने, श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने, सूर्यदेव को अर्घ्य देने, चंद्रमा की पूजा करने, पितृरों का तर्पण करने, पीपल पूजा करने, दीपदान करने और श्रीसूक्त का पाठ करने का खास महत्व है। आओ जानते हैं कि कौन से उपाय करने से धन की समस्या दूर होगी।
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1. सत्यनारायण भगवान की कथा सुनें, 2. सफेद चीजों का दान करें, 3. पवित्र नदी में स्नान करें, 4. श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें, 5. सूर्यदेव को अर्घ्य दें, 6. चंद्रमा की पूजा करें, 7. पितृ तर्पण करें, 8. पीपल पूजा करें, 9. दीपदान दें, 10. श्रीसूक्त का पाठ करें।
1. दान : इस दिन दान-दक्षिणा का बत्तीस गुना फल मिलता है। इसलिए इसे माघी पूर्णिमा के अलावा बत्तिसी पूर्णिमा भी कहते हैं। दान में तिल और काले तिल विशेष रूप से दान में देना चाहिए। पूजा या व्रत के बाद बाद मध्याह्न काल में किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
2. स्नान : प्रयाग में माघ मास के अन्दर तीन बार स्नान करने से जो फल होता है वह फल पृथ्वी में दस हजार अश्वमेघ यज्ञ करने से भी प्राप्त नहीं होता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। नदी नहीं है तो पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
4. माधव पूजा : माघ स्नान करने वाले श्रद्धालुओं पर भगवान माधव की कृपा बनी रही है और उन्हें सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्रदान करते हैं। पुराणों के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन स्वयं भगवान श्री विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। इस दिन गंगा स्नान करने से विष्णु की कृपा मिलती है तथा धन-संपदा लक्ष्मी, यश, सुख-सौभाग्य तथा उत्तम संतान की प्राप्ति होती है।
5. दीपदान: माघ पूर्णिमा पर नदी तट पर या नदी में दीपदान करने को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे देवी और देवता प्रसन्न होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
6. तर्पण : इस दिन को पितरों के पिंडदान और तर्पण के लिए शुभ माना जाता है। तर्पण करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और वे प्रसन्न होते हैं। माघ माह में काले तिल से हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।
7. सूर्य को अर्घ्य देना : स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। अर्घ्य अर्पित करते वक्त उनका मंत्र बोलें।
8. श्री हरि विष्णु एवं लक्ष्मी की पूजा : माधव पूजा के साथ ही श्री हरि विष्णु जी की माता लक्ष्मी के साथ पूजा करें। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का दूध और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। उनकी षोडशोपचार नहीं तो दशोपचार या नहीं तो पंचोपचार पूजा करें। पंचोपचार यानी पांच प्रकार की सामग्री से उनकी पूजा करें। गंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करने के बाद आरती उतारें।
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9. कनकधारा स्त्रोत का पाठ : कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी का कृपा हमेशा जातक पर रहती है। इस दिन देवी लक्ष्मी जी को पीले तथा लाल रंग सामग्री अर्पित करने से वे प्रसन्न होती हैं और धन समृद्धि बढ़ती है। माघ माह में श्रीहरि भगवान विष्णु की माता लक्ष्मी के साथ पूजा करना चाहिए। आर्थिक तंगी दूर करने के लिए 11 कोड़ियों को हल्दी से रंगकर माता लक्ष्मी को अर्पित करें। फिर इनको लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। माघ पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी की विधिवत पूजा करके श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए। इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर जातक को आशीर्वाद देती हैं।
10. पीपल और तुलसी पूजा : इस दिन पीपल के पेड़ की जड़ में दूध मिश्रित जल चढ़ाएं और घी का दीपक प्रज्वलित करें। ऐसा करने से श्री हरि विष्णु जी के साथ ही पितृरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इस दिन तुसली के नीचे घी का दीया जलाने से भी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
11. काली पूजा : पूर्णिमा के दिन माता कालिका की पूजा करने से संतान सुख मिलता है। माता कालिका सभी तरह की मनोकामना पूर्ण करती है।