Maha Kumbh stampede : मौनी अमावस्या पर भगदड़ के बाद बसंत पंचमी अमृत स्नान के लिए योगी सरकार कितनी तैयार
Maha Kumbh stampede : महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर भगदड़ के कारण 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए थी। रात में भीड़ का अत्याधिक दबाव और भगदड़ होने से हालात बेकाबू हो गए। मौनी अमावस्या के बाद महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान 3 फरवरी यानी बसंत पंचमी को है। जानिए योगी सरकार ने बसंत पंचमी के लिए कितनी तैयारियां की हैं।
स्पेशल अधिकारियों की तैयारी : भगदड़ हादसे के बाद महाकुंभ मेला की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए स्पेशल अधिकारियों को प्रयागराज बुला लिया गया है। 2019 में आयोजित कुंभ में अपनी सेवाएं दे चुके और प्रयागराज के मंडलायुक्त रहे यूपीपीसीएल के अध्यक्ष आशीष गोयल के साथ इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के पूर्व वीसी भानु चंद्र गोस्वामी को महाकुंभ की व्यवस्थाएं संभालने के लिए भेजा गया है।
वीआईपी प्रोटोकॉल पर लगा प्रतिबंध : महाकुंभ मेले में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अमृत स्नान और सभी प्रमुख स्नान पर्वों पर विशिष्ट और अति विशिष्ट व्यक्तियों ( वीआईपी व वीवीआईपी) के प्रोटोकॉल पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अमृत स्नान और प्रमुख स्नान पर्वों पर तथा इसके समीप की तिथियों पर मेला प्रशासन किसी प्रकार का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं करेगा।
उल्लेखनीय है कि महाकुंभ मेला-2025 के प्रारंभ में ही योगी सरकार ने अमृत स्नान और प्रमुख स्नान पर्वों पर तथा उसके एक दिन पहले और एक दिन बाद की तिथियों पर विशिष्ट व्यक्तियों का आवागमन रोकने को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था।
बयान के मुताबिक, इस पहल से आम श्रद्धालु विशिष्ट व्यक्तियों के आने-जाने के कारण होने वाली असुविधा से चिंता मुक्त होकर मेला क्षेत्र में घूम फिर सकेंगे। ऐसे में, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि को और इसके एक दिन पहले एवं एक दिन बाद तीर्थराज प्रयागराज में आवागमन के इच्छुक विशिष्ट और अति विशिष्ट व्यक्तियों को प्रोटोकॉल नहीं मिल सकेगा। सरकार के मुताबिक, सर्कुलर में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वीआईपी एवं वीवीआईपी के आवागमन को लेकर एक सप्ताह पहले ही सूचना उपलब्ध करानी होगी।
चार पहिया वाहनों पर रोक : बसंत पंचमी के अवसर पर शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर 4 फरवरी तक रोक लगा दी गई है। साथ ही, मार्गों को वन-वे किया गया है ताकि श्रद्धालु एक ही रास्ते से आएं और दूसरे से वापस जाएं। महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ और ट्रैफिक को देखते हुए बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और एमपी से आने वाले मालवाहक वाहनों को 31 जनवरी तक यूपी के सीमावर्ती जिलों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सवारी वाहनों को भी रोका गया : मौनी अमावस्या पर हुए हादसे के बाद अब प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले सवारी वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है। हादसे के बाद मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है, जिससे अब मेला क्षेत्र में किसी भी वाहन का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। मेला क्षेत्र में भीड़ के दबाव को नियंत्रित करने के लिए सीमावर्ती इलाकों में होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। (Edited by: Sudhir Sharma)