मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. vinayak chaturthi 2022 puja vidhi n muhurat
Written By

Vinayaki Chaturthi : विनायक चतुर्थी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या हैं?

Vinayaki Chaturthi : विनायक चतुर्थी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या हैं? - vinayak chaturthi 2022 puja vidhi n muhurat
आज विनायक चतुर्थी व्रत मनाया जा रहा है, यह दिन भगवान श्री गणेश को समर्पित है। शास्त्रों के अनुसार प्रतिमाह आने वाली कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को श्री गणेश का चतुर्थी व्रत किया जाता है।

अक्टूबर माह में विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi) व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को यानी शुक्रवार, 28 अक्टूबर को यह दिन पड़ रहा है। धार्मिक मान्यतानुसार इस दिन व्रत रखने के श्री गणेश प्रसन्न होकर वरदान देते हैं।

यहां पढ़ें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि-Vinayak Chaturthi 2022 
 
विनायक चतुर्थी के शुभ मुहूर्त-Vinayak Chaturthi Muhurat 2022  
28 अक्टूबर, 2022, शुक्रवार
कार्तिक शुक्ल चतुर्थी का प्रारंभ- 28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार को सुबह 10.33 से।
चतुर्थी का समापन- 29 अक्टूबर 2022, शनिवार को सुबह 08.13 मिनट पर।
पूजन का सबसे शुभ समय- सुबह 10.58 से दोपहर 01:12 मिनट तक।
कुल अवधि- 02 घंटे 14 मिनट।
 
पूजन विधि-Puja Vidhi
 
- विनायक चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करके लाल वस्त्र धारण करें।
- पूजन के समय अपने सामर्थ्यनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित शिव-गणेश प्रतिमा स्थापित करें। 
- संकल्प के बाद विघ्नहर्ता श्री गणेश का पूरे मनोभाव से पूजन करें। 
- फिर अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र चावल आदि चढ़ाएं। 
- 'ॐ गं गणपतयै नम: मंत्र बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। 
- अब श्री गणेश को मोदक का भोग लगाएं। 
- इस दिन मध्याह्न में गणपति पूजा में 21 मोदक अर्पण करते हुए, प्रार्थना के लिए निम्न श्लोक पढ़ें- 
'विघ्नानि नाशमायान्तु सर्वाणि सुरनायक। कार्यं मे सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि।'
- पूजन के समय आरती करें। 
- गणेश चतुर्थी कथा का पाठ करें। 
- अपनी शक्तिनुसार उपवास करें।
- इस दिन 'श्री गणेशाय नम:' या 'ॐ गं गणपतये नम:' मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें। 
- अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत,गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण, श्री गणेश स्तोत्र आदि का पाठ करें। 

ये भी पढ़ें
छठ पूजा के दिन संध्या पूजा और अगले दिन उषा पूजा एवं पारण का मुहूर्त