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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 8 अप्रैल 2024 (11:31 IST)

Hindu nav varsh 2024 : उगादी त्योहार कहां मनाया जाता है?

दक्षिण भारत में नववर्ष के रूप मनता है उगादी पर्व

Hindu nav varsh 2024 : उगादी त्योहार कहां मनाया जाता है? - Ugadi day 2024
Ugadi Celebration 2024 
 

HIGHLIGHTS
• कैसे मनाते हैं उगादी पर्व।
• चैत्र माह के प्रथम दिन का पर्व।
• दक्षिण भारत में नववर्ष तथा उगादी पर्व का महत्व।
Hindu nav varsh : हिंदू धर्म के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम दिन चैत्र नवरात्रि का आरंभ होता है तथा महाराष्ट्र में इसी दिन गुड़ी पड़वा पर्व मनाया जाता है। उगादि या युगादि, जिसका अर्थ है 'वर्ष की शुरुआत' के रूप में जाना जाता है। 
 
हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह हिन्दू नववर्ष तथा नए साल का दिन माना जाता है तथा भारत आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गोवा राज्यों में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने इस दिन दुनिया की रचना की थी। लेकिन उगादी को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं। वर्ष 2024 में यह पर्व 09 अप्रैल, दिन मंगलवार को मनाया जा रहा है।
 
कहां मनाया जाता है यह त्योहार : चैत्र माह के इसी प्रथम दिन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, दक्षिण भारत में उगादी पर्व को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार उगादी के शुभ पर्व पर सृष्टि की रचना करने वाले ब्रह्मा जी की पूजा की जाती है, लेकिन आंध्र प्रदेश में उगादी त्योहार के दिन चतुरानन की पूजा की जाती है।

यह पर्व हमें प्रकृति के बहुत करीब लेकर आता है, तथा इस दिन दक्षिण भारत में लोग नए व्यापार की शुरुआत, गृह प्रवेश आदि नए कार्यों का शुभारंभ करते हैं। इस दिन घरों में पच्चड़ी नाम का पेय पदार्थ बनाया जाता है जो काफी सेहतमंद होता है।
क्यों मनाते हैं : उगादी जो कि दक्षिण भारत का प्रमुख पर्व हैं, इसे मनाने को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। ब्रह्म पुराण के अनुसार वैसे तो शिव जी ने ब्रह्मा जी को श्राप दिया था कि उनकी पूजा धरती पर नहीं की जाएगी। लेकिन आंध्र प्रदेश में उगादी के शुभ पर्व पर चतुरानन की पूजा की जाती है। 
 
उगादी को लेकर कई मान्यताएं हैं। कर्नाटक में चैत्र शुक्ल पक्ष के पहले दिन बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है, क्योंकि यह दिन उगादि पर्व का होता है, जो कि बहुत ही का शुभ त्योहार और नए साल की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। पहली मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन ब्रह्मा जी ने दुनिया की रचना की थी। दूसरी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। तीसरी मान्यता हैं कि भगवान श्री राम और राजा युधिष्ठिर का इस दिन राज्याभिषेक हुआ था। चौथी मान्यता के अनुसार इसके साथ ही सम्राट विक्रमादित्य ने शकों पर विजय प्राप्त की थी। 
 
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