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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 16 जनवरी 2025 (11:50 IST)

2025 में कब है तिल संकटा चौथ, जानें सही डेट, महत्व और विधि

माघ मास की चतुर्थी पर मनाई जाने वाली तिल संकटा चौथ पर खास जानकारी यहां पढ़ें।

2025 में कब है तिल संकटा चौथ, जानें सही डेट, महत्व और विधि - Til  Sankashti Chaturthi 2025
Sakat Chauth Vrat Kab hai 2025: पौराणिक धर्मशास्त्रों के अनुसार तिल-संकटा चौथ या सकट चौथ हिन्दू धर्म में किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है। वर्ष 2025 में तिल-संकटा चौथ व्रत 17 जनवरी, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। इस दिन तिल का इस्तेमाल होने से तिल चतुर्थी तथा सकट चतुर्थी भी कहीं जाती है। आइए जानते हैं तिल-संकटा चतुर्थी के बारे में...ALSO READ: चतुर्थी या चौथ से जुड़ी कुछ पौराणिक कथा कहानियां
 
यह व्रत माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है और भगवान श्री गणेश को समर्पित होता है। इस दिन पानी में तिल डालकर नहाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। तिल-संकटा चौथ को माघी चौथ, सकट चौथ, संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट चौथ आदि विभिन्न नामों से जाना जाता है।
 
तिल-संकटा चौथ और तिल का महत्व : इस दिन भगवान गणेश को तिल-गुड़ के लड्डू, मोदक आदि भोग लगाकर पूजा जाती है। मान्यता है कि भगवान गणेश सभी विघ्नों को दूर करते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। खासकर संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि और दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। तिल को बहुत पवित्र माना जाता है। तिल में कई औषधीय गुण होते हैं। तिल का सेवन करने से शरीर स्वस्थ रहता है। तिल-संकटा चौथ के दिन तिल के लड्डू बनाकर भगवान गणेश को भोग लगाया जाता है।
 
तिल-संकटा चौथ व्रत की विधि : 
 
इस दिन सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है।
 
पूजा के लिए गणेश जी की मूर्ति, रोली, चंदन, दीपक, धूप, आदि का प्रयोग किया जाता है।
 
फिर उनका पूजन किया जाता है। 
 
तथा तिल के लड्डू, मोदक, नैवेद्य अर्पित किया जाता है।
 
शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है।
 
इस दिन गणेश जी की कथा सुनना बहुत शुभ माना जाता है।
 
बता दें कि सुख-सौभाग्य, संतान पाने और परिवार के कल्याण की कामना से महिलाएं ये व्रत रखती हैं। 

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