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Written By राजश्री कासलीवाल

Mauna Panchami 2020 : मौना पंचमी 10 जुलाई को, जानें क्यों करें मौन रहकर शिवजी और नागदेव की आराधना, व्रत का महत्व

Mauna Panchami 2020 : मौना पंचमी 10 जुलाई को, जानें क्यों करें मौन रहकर शिवजी और नागदेव की आराधना, व्रत का महत्व - Mauna Panchami in Sawan 2020
Mauna Panchami 2020
 
* श्रावण में बहुत लाभदायी है मौना पंचमी व्रत, जानें क्यों करें मौन रहकर शिवजी की आराधना
 
इस वर्ष में मौना पंचमी शुक्रवार, 10 जुलाई 2020 को मनाई जाएगी। श्रावण महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली पंचमी को मौना पंचमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व श्रावण माह के पांचवें दिन मनाया जाता है। इस दिन झारखंड के देवघर के शिव मंदिर में शर्वनी मेला मनाया जाता है। सुहागिन महिलाएं इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करती हैं। 
 
हिंदू धर्म के अनुसार श्रावण मास बहुत ही पवित्र माह माना गया है। इस माह में भोलेनाथ और नाग पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन नाग देवता को सूखे फल, खीर आदि चढ़ा उनकी पूजा की जाती है। कई क्षेत्रों में इसे सर्प से जुड़ा पर्व भी मानते हैं। इस तिथि के देवता शेषनाग हैं इसलिए इस दिन भोलेनाथ के साथ-साथ शेषनाग की पूजा भी की जाती है। 
 
Mauna Panchami पर पूजन का महत्व :- मौना पंचमी के दिन शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप की पूजा काफी महत्व रखती है। इस रूप में शिव को ज्ञान, ध्यान, योग और विद्या का जगद्गुरु माना गया है। इस दिन दक्षिणामूर्ति स्वरूप शिव की पूजा से बुद्धि तथा ज्ञान में बढ़ोतरी होती है तथा मनुष्य हर तरफ से जीवन में सफलता पाता है। इस दिन पंचामृत और जल से शिवाभिषेक का बहुत महत्व है।
 
क्यों रखें मौन व्रत :- इस दिन भगवान शिव व शेषनाग की पूजा की जाती है। मौना पंचमी के दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करके मौन व्रत रखने का काफी महत्व है। मौना पंचमी को शिव पूजा और मौन व्रत का यही संदेश है कि मौन मानसिक, वैचारिक और शारीरिक हिंसा को रोकने का काम करता है। 
 
मौन व्रत न केवल व्यक्ति को मानसिक रूप से संयम और धैर्य रखना सिखाता है बल्कि वह शारीरिक ऊर्जा के नुकसान से भी बचकर सफलता पाता है।
 
मौन का अर्थ है- चुप रहना, किसी से बातचीत न करना इसीलिए यह तिथि 'मौना पंचमी' (Mauna Panchami) के नाम से जानी जाती है। मौना पंचमी के दिन विधिपूर्वक पूजन करने से घर परिवार पर आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
 
व्रत का संदेश :- इस व्रत का संदेश भी यही है कि मनुष्‍य के मौन धारण करने से जीवन में हर पल होने वाली हर तरह की हिंसा से उसकी रक्षा होती है तथा मनुष्य के जीवन में धैर्य और संयम आता है और मनुष्य का मन-मस्तिष्‍क अहिंसा के मार्ग पर चलने लगता है। मौना पंचमी के दिन इन दोनों देवताओं का पूजन करने से मनुष्‍य के जीवन में आ रहे काल का भय नष्‍ट होता है तथा हर प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। 
 
मौना पंचमी व्रत से सेहत को लाभ :-  कई क्षेत्रों में इस दिन आम के बीज, नीबू तथा अनार के साथ नीम के पत्ते चबाते हैं। सा माना जाता है कि ये पत्ते शरीर से जहर हटाने में काफी हद तक मदद करते हैं। 
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