विक्टोरिया सरकार की निंदा
भारतीय छात्रों के सर्वोच्च निकाय ने आज विक्टोरिया सरकार के उस निर्णय की निंदा है, जिसमें उन्हें ‘मैत्री रैली’ के दौरान बोलने की अनुमति नहीं देने की बात कही गई है। प्रदेश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस रैली का आयोजन हाल ही में हुए हमलों को देखते हुए बहुसंस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।एक वक्तव्य में फेडरेशन ऑफ इंडियन स्टूडेंट एसोसिएशन 'फीसा' ने कहा कि उसे लगता है कि उन्हें बोलने की अनुमति न देकर आयोजक छात्रों की सुरक्षा के लिए किए गए उन सकारात्मक प्रयासों पर पानी फेर रहे हैं, जो सरकार ने पिछले कुछ सप्ताहों में हमलों को देखते हुए किए हैं। फीसा के अध्यक्ष अमित मेंघानी ने कहा ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार किसी सार्थक निर्णय से छात्रों को दूर रख रही है। हम बहुसंस्कृति का समर्थन करते हैं, लेकिन हम राजनेताओं का मुद्दे की ओर से ध्यान हटाने और पीड़ितों को बहस में शामिल न करने का समर्थन नहीं करते।’उन्होंने कहा ‘यह रैली भारतीय छात्रों की सुरक्षा पर चिंता जाहिर करने के लिए आयोजित की जा रही थी, जिनकी जिंदगी के ऐसे लोग दुश्मन बने हुए हैं जो बहुसंस्कृतिवाद का समर्थन नहीं करते। इस रैली से ऐसे लोगों तक संदेश पहुँचना चाहिए।’ सरकार को अपने निर्णय पर एक बार फिर सोचने की सलाह देते हुए मेंघानी ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि रैली विदेशी छात्रों की सुरक्षा से संबंधित है, लेकिन अब लगता है कि यह केवल प्रचार पाने का हथकंडा है।