ब्रिटेन में 'आईपीएल' पर ऑनलाइन सट्टेबाजी
ऑनलाइन सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता
जैसा कि कहा जाता है ' चोली और दामन का हमेशा साथ रहता है।' ठीक उसी प्रकार क्रिकेट और सट्टे का साथ बरसों से रहा है। आईपीएल में हो रहे घोटालों की परतें जैसे-जैसे खुलती जा रही है उसमें केवल पैसा और सट्टेबाजी ही नजर आ रही है, खेल कहीं नही! दुनिया भर में ऑनलाइन सट्टेबाजी के माध्यम से अरबों के वारे न्यारे हो चुके हैं। कई अंतरराष्ट्रीय मैचों को फिक्स किया गया था, यह काम अब भी हो रहा है। यही नहीं आईपीएल में अब एनआरआई का कितना महत्व है इसका भी खुलासा हो रहा है। ऑनलाइन सट्टेबाजी को ब्रिटेन में कानूनी मान्यता मिली हुई है। वहाँ की कई वेबसाइट्स में आईपीएल फाइनल्स को लेकर भाव दिए गए हैं। दुनियाभर के सभी खेलों के लिए इन वेबसाइट्स पर सट्टेबाजी होती है, इसमें आईपीएल अभी काफी हॉट है।
ब्रिटेन की 'बेट 365' साइट पर कोई भी भारतीय अपना रजिस्ट्रेशन कराकर भारतीय रुपयों में सट्टा लगा सकता है। भारत के सभी राज्यों से यह रजिस्ट्रेशन स्वीकार करता है। डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेटेलर, इंट्रोपे के माध्यम से इनके अकाउंट में मात्र 25 डॉलर से सट्टेबाजी शुरू की जा सकती है।इसके अलावा लेडब्रोक्स, विलियम हिल, बेटफेयर, 888 स्पोर्ट्स, बेटक्लिक, बेटफ्रेड, बेटइनटरनेट, ब्लू स्क्वेयर, बोडाग के अलावा अन्य कई साइट्स हैं जो भारतीयों को रजिस्टर्ड करती हैं।एनआरआई की आईपीएल में भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। एनआरआई थोड़ी-बहुत कागजी कार्रवाई कर भारत में चाहे जितना पैसा ला सकता है। वहीं मॉरीशस में यह नियम है कि कोई भी मॉरीशस में पैसा लगाना चाहे तो वह स्विस बैंक अकाउंट से पैसा मॉरीशस में ला सकता है। मॉरीशस में ऐसे कई बेनामी एनआरआई मिल जाते हैं, जो यह काम करते हैं। मॉरीशस से यह पैसा भारत में लगाया जाता है। मॉरीशस के अलावा बेनामी एनआरआई गल्फ, कनाडा, साउथ अफ्रीका में भी बड़ी संख्या में मिल जाते हैं। दुनिया में बढ़ रहे सट्टेबाजों के कारण ही आईपीएल काले धन को गोरा बनाने का आसान माध्यम बन गया है। जिसका हर कोई आदमी दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर ऑनलाइन सट्टेबाजी का उपयोग कर सकता है।